Gurugram News Network – बरसात के दौरान सड़कों पर होने वाले जलभराव को रोकने की तैयारियों को लेकर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा अंडरपास में मॉकड्रिल कर तैयारियों का जायजा लिया जा रहा है, लेकिन शहर में होने वाले जलभराव को रोकने के लिए अधिकारियों के पास कोई योजना नहीं है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण सोमवार को हुई बारिश ने ही शहर में जगह-जगह जलभराव कर दिया, लेकिन अधिकारी इस जलभराव को रोकने के इंतजामों का जायजा लेने की बजाय अंडरपास का जायजा लेने पहुंच गए।
सोमवार को सिकंदरपुर अंडरपास सहित साइबर सिटी यूटर्न अंडरपास में जीएमडीए अधिकारियों ने जलभराव रोकने के इंतजामों को देखने के लिए मॉकड्रिल की। मॉकड्रिल करने से कुछ ही देर पहले गुरुग्राम में बारिश हो गई जिसके कारण शहर की कई सड़कों सहित कॉलोनियों में जलभराव हो गया, लेकिन अधिकारियों का ध्यान केवल अंडरपास तक ही केंद्रित रहा।
दरअसल, जीएमडीए अधिकारियों ने अंडरपास में बरसात के दौरान होने वाले जलभराव को रोकने के लिए एक सप्ताह का मॉकड्रिल प्लान किया हुआ है। इस मॉकड्रिल का सोमवार को पहला दिन था। पहले दिन की शुरूआत ही बरसात से हो गई और सुबह की मॉकड्रिल को दोपहर बाद किया गया। इस मॉकड्रिल से पहले हुई बरसात के कारण राजीव चौक, अग्रवाल धर्मशाला चौक सहित शहर की कई अन्य सड़कों व कॉलोनियों में जलभराव हो गया, लेकिन अधिकारियों ने शहर को जलभराव मुक्त करने के लिए कोई मॉकड्रिल प्लान नहीं की।
इससे साफ है कि अधिकारी केवल कार्यालय में बैठकर शहर में व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा कर रहे हैं। जलभराव रोकने के नाम पर अधिकारियों को केवल शहर के अंडरपास ही दिखाई दे रहे हैं। जबकि नरसिंहपुर, बसई, सेक्टर-37सी, बसई-गढ़ी रोड, सेक्टर-4, सेक्टर-7, नरसिंहपुर सहित शहर का वह हिस्सा नहीं दिखाई देता जहां थोड़ी सी ही बरसात के कारण जलभराव हो जाता है और लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
आपको बता दें कि हर साल जीएमडीए, नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर बरसात के दौरान जलभराव न होने के दावे किए जाते हैं, लेकिन यह दावे खोखले साबित होते हैं। हर बरसात के मौसम में शहरवासियों को जलभराव से परेशान होना पड़ता है, लेकिन अधिकारियों को लोगों को होने वाली परेशानी से मानों कोई फर्क ही नहीं पड़ता है। यही कारण है कि जलभराव रोकने के दावों के नाम पर अधिकारी दो साल से अंडरपास में पानी डालकर मॉकड्रिल कर अपने दावों को सही साबित करने पर लगे हुए हैं।