Gurugram News Network – बिल्डरों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि वह निवेशकों से रुपए लेने के बाद अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर रहे हैं। हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी द्वारा बिल्डर को निवेशकों के रुपए वापस करने के भी आदेश दिए गए हैं, लेकिन बिल्डर इन आदेशों को भी मानने से इंकार कर रहा है। यही कारण है कि शनिवार को बिल्डर के खिलाफ निवेशक लामबंद हो गए और सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। निवेशकों का कहना है कि अधिकारी भी उन्हें बिल्डर की मनमानी से राहत नहीं दिला पा रहे हैं। जिसका खामियाजा उन्हें न केवल मकान का किराया भरकर बल्कि इंस्टॉलमेंट बा अतिरिक्त बोझ वहन कर भुगतना पड़ रहा है।
निवेशक एस के सचदेवा, सुशील, सुधीर समेत अन्य ने बताया कि उन्होंने सुपरटेक बिल्डर के आधा दर्जन से अधिक प्रोजेक्टों में निवेश किया था। बिल्डर ने साल 2013 में निवेशकों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर यह प्रोजेक्ट बेचे थे। गुरुग्राम समेत सोहना में चल रहे आधा दर्जन प्राेजेक्टों को 2018 तक पूरा कर निवेशकों को निवेशकों को उन पर कब्जा दिया जाना था, लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए।
बिल्डर की मनमानी से खफा होकर कुछ निवेशकों ने हरेरा कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था जिसमें हरेरा के चेयरमैन ने भी यह माना था कि सुपरटेक बिल्डर द्वारा निवेशकों से धोखाधड़ी की जा रही है। ऐसे में उन्होंने बिल्डर को निवेशकों के रुपए वापस करने के लिए कहा था, लेकिन बिल्डर ने हरेरा कोर्ट के आदेश मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनकी टीसीपी डायरेक्टर व डीटीपी के साथ बैठक हुई है जोकि उन्हें राहत दिलाने के नाम पर समझौता करने के लिए कह रहे हैं। निवेशकों ने आरोप लगाया कि अधिकारी बिल्डर का पक्ष ले रहे हैं। निवेशकों ने बताया कि उनके द्वारा लिए गए लोन की किस्त बिल्डर को भरनी थी, लेकिन बिल्डर ने यह किस्त भरनी बंद कर दी जिसके बाद यह बोझ भी उन पर आ गया। वहीं, इस मामले में बिल्डर से संपर्क न होने के कारण उनका पक्ष पता नहीं लग पाया।