Gurugram News Network – गुरूग्राम जिले के गांव दमदमा, खेड़ला तथा अभयपुर में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने के साथ झील का जीर्णोद्धार किया जाएगा । ई वाई फाउंडेशन के सहयोग से बनने वाली यह परियोजना लगभग 500 एकड़ में विकसित होगी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल 8 दिसंबर को इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे । यह परियोजना पूरी होने पर गुरूग्राम वासियों को एक सुंदर रमणिक स्थल उपलब्ध होगा और इससे गुरूग्राम के पर्यावरण की स्थिति में भी सुधार होगा ।
परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर गुरूग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने अपने कार्यालय में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई और उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी । बैठक में बताया गया कि ई वाई फाउंडेशन अपने सीएसआर के तहत गुरूजल सोसायटी के साथ मिलकर गांव दमदमा में लगभग 80 एकड़ में बने दमदमा झील का जीर्णोद्धार करेगी ।
गुरूग्राम जिले में ग्रीन कवर अर्थात् हरियाली के अधीन क्षेत्र में बढोत्तरी करने के लिए जिला के गांव दमदमा तथा आसपास के क्षेत्र में लगभग 420 एकड़ में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया जाएगा और वर्तमान दमदमा झील का जीर्णोद्धार करके इसके स्वरूप को बड़ा करते हुए लगभग 80 एकड़ में झील बनाई जाएगी । अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य दमदमा व आसपास के गांवों में खराब हो चुकी जमीन की गुणवत्ता को पुर्न स्थापित करना और वन क्षेत्र में वृद्धि करना है। इसके अलावा, झील के जीर्णोद्धार से भूमिगत जल के स्तर में भी सुधार होगा, भूजल रिचार्ज करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उस क्षेत्र के फूल व पौधो तथा पेड़ो की संख्या में वृद्धि होगी और प्राकृतिक संसाधनों जैसे मिट्टी व पानी का संरक्षण किया जा सकेगा।उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण के लिए बनाई गई गुरूजल सोसायटी की तकनीकि टीम ने इस पूरे क्षेत्र की मिट्टी से लेकर पेड़ पौधो तथा फूल-पत्तियों का अध्ययन करके कन्टॅूअर मैपिंग की है। मीणा ने बताया कि 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस परियोजना की आधारशिला रखेंगे और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उस दिन हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट तथा ई वाई फाउंडेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ई वाई फाउंडेशन झील के जीर्णोद्धार तथा बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की अपनी विस्तृत परियोजना का खाका प्रस्तुत करेगी। इस कार्य में गुरूजल सोसायटी के अलावा, सिंचाई विभाग, वन विभाग, विकास एवं पंचायत विभाग तथा अन्य विभागों का सहयोग भी लिया जाएगा।