Dwarka Express way पर सेटेलाइट से कटेगा टोल,NHAI ने शुरू की तैयारी
एक्सप्रेस-वे पर दो महीने के बाद टोल टैक्स कटना हो जाएगा शुरू,नए सिस्टम को लागू करने से पहले बेंगलुरु-मैसूर हाईवे पर टेस्टिंग हो रही
Gurugram News Network-दिल्ली-एनसीआर के सबसे हाईटैक Dwarka Express way पर सेटेलाइट से टोल वसूला जाएगा।NHAI ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है।देश के पहले अर्बन एक्सप्रेसवे पर नई तकनीक से दो महीने के बाद टोल वसूलना शुरू हो जाएगा।बता दे कि 18 किलोमीटर लंबे Dwarka Express way का दस किलोमीटर का हिस्सा मार्च महीने में प्रधानमंत्री ने शुभारंभ कर खोल दिया था। Dwarka Express way के खुलने से गुरुग्राम से दिल्ली और दिल्ली से गुरुग्राम जाने वाले राहगीरों को जाम से राहत मिली।घंटो का सफर मिनटों का हो गया।
#NHAI की ओर से बेंगलुरु-मैसूर हाइवे पर इस तकनीक से टोल वसूली का ट्रायल किया जा रहा है। द्वारका एक्सप्रेसवे पर तमाम व्यवस्थाओं को अपडेट कर ही टोल वसूली आरंभ होगी। इस लिहाज से यह देश का पहला सैटेलाइट सिस्टम से टोल वसूली वाला एक्सप्रेसवे बनेगा। NHAI इसके लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।देश का सबसे बढ़ा 34 लेन का टोल गेट बनाया गया है। अब यह सैटेलाइट से टोल वसूली के मामले में भी देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा।
ऐसे कटेगा टोल
सिस्टम में वाहन चालकों को टोल गेट पर रुकना नहीं पड़ेगा। वाहन चलते-चलते ही अपने आप टोल वाहन चालक के खाते से कट जाएगा। खास बात यह होगी कि जितनी दूरी की यात्रा की जाएगी, प्रति किलोमीटर की तय दर से उतने ही किलोमीटर का टोल कटेगा। एक्सप्रेसवे पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं। खासकर सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर ये कैमरे लगे हैं। वाहन चालक एक्सप्रेसवे पर एंट्री करेगा, उसकी वाहन संख्या और वाहन का प्रकार एनएचएआई के मॉर्डन इंटेलिजेंस सिस्टम में फीड हो जाएगा।
द्वारका-गुरुग्राम बॉर्डर पर बजघेड़ा के पार टोल गेट के पास मॉर्डन इंटेलिजेंस सिस्टम से लैस कंट्रोल रूम बनाया गया है। एंट्री के बाद जब वाहन एक्सप्रेसवे पर अपनी यात्रा पूरी कर निकलेगा तो वह लोकेशन भी इंटेलिजेंस सिस्टम दर्ज कर लेगा। जैसे ही एक्सप्रेसवे पर यात्रा पूरी होगी, किलोमीटर के हिसाब से टोल कट जाएगा। वाहन चालक को मोबाइल पर बाकायदा टोल की राशि, कितने किलोमीटर की यात्रा का संदेश भी प्राप्त होगा।
ऐसे होगी मॉनिटरिंग
जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है। गाड़ी एकदम सटीक लोकेशन ट्रैक होती है। दूरी के हिसाब से टोल टैक्स कैलकुलेट कर पैसा कटेगा। इसके लिए ऑफशोर बैंकिंग यूनिट (OBU) के साथ डिजिटल वॉलेट लिंक किया जाएगा और इस वॉलेट के जरिए पैसा कटेगा। ऑफशोर बैंकिंग यूनिट (ओबीयू) एक बैंक शेल शाखा है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक लेनदेन के लिए इस्तेमाल होती है।