Gurugram News Network – आरटीसी से रास्ता खोले जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी छात्राओं की जिद के सामने शासन व प्रशासन हार गया। छात्राओं के लिए सरकार ने इस रास्ते को खोले जाने को मंजूरी दे दी जिसके बाद जेसीबी बुलाकर रास्ता बंद करने के लिए बनाई गई दीवार को तोड़ दिया गया। एक साल पहले बनाई गई दीवार को आरटीसी के अधिकारियों की सहमति से जेसीबी से ढहा दिया गया। इस दौरान एसडीएम सतीश यादव, एसीपी संजीव बल्हारा व कादरपुर के ग्रामीणों की मौजूदगी में 22 फीट का रास्ता खोला गया।
आपको बता दें कि गुरुवार को कादरपुर की ढाणी से स्कूल जाने वाली छात्राओं को पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन के रास्ते का उपयोग करने से रोक दिया था। दोपहर को जब छात्राएं स्कूल से वापस लौट रही थी तो पुलिसकर्मियों ने छात्राओं से अभद्रता की। इसका विरोध करते हुए सरकारी स्कूल की छात्राओं ने आरटीसी के गेट पर ही धरना देना शुरु कर दिया था। इसके साथ ही छात्राओं ने ऐलान किया था कि वह तब तक पानी और अन्न ग्रहण नहीं करेंगी जब तक कि उन्हें रास्ता नहीं दिया जाता।
छात्राओं ने बताया था कि इस रास्ते का उपयोग कर वह पैदल चंद मिनटों में ही अपने स्कूल पहुंच जाती हैं, लेकिन पुलिस द्वारा रास्ता बंद किए जाने से उन्हें पांच किलोमीटर लंबा रास्ता तय कर स्कूल जाना होगा। ग्रामीण बरसो से इस रास्ते का उपयोग करते आए हैं, लेकिन कुछ समय से ही पुलिस द्वारा इस रास्ते का उपयाेग करने से उन्हें रोका जा रहा है। अपनी मांग को लेकर छात्राएं रात भर आरटीसी के गेट पर बैठी रही। इस दौरान सोहना विधायक व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्राओं को समझाकर धरना समाप्त कराने का प्रयास करते रहे, लेकिन छात्राएं नहीं मानी और लगातार अपनी मांग माने जाने की बात कहती रही। शुक्रवार सुबह उनके समर्थन में प्राइवेट स्कूल के छात्र भी आ गए। मामले की सूचना जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने इस विवाद को सुलझाने के निर्देश दिए। इसके बाद आरटीसी के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच सहमति बनी। आरटीसी की तरफ से 22 फीट का रास्ता खोल दिया गया और इसके बदले पंचायत आरटीसी को दूसरे स्थान पर जमीन देगी।