Gurugram News Network – नगर निगम की तोड़फोड़ कार्रवाई के विरोध में गांव नाथूपुर, सिकंदरपुर, चक्करपुर सहित 30 गांवों के ग्रामीण वीरवार को जब जिला उपायुक्त कार्यालय में धरना और ज्ञापन देने पहुंचे तो नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने इसका फायदा उठा लिया। मौका पाकर गांव नाथूपुर व सिकंदरपुर पहुंचे नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा जिसके कारण टीम को कार्रवाई किए बिना ही वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि निगम अधिकारियों की मनमानी के बाद अब वह अपने आंदोलन को तेज करेंगे और आगामी रणनीति तैयार कर सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे।
ग्रामीण संतोख सिंह, श्योचंद, धर्मेंद्र सहित अन्य ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों द्वारा मनमर्जी कर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। जो लोग अपने मकानों की मरम्मत भी करा रहे हैं उन पर भी नगर निगम कार्रवाई कर ध्वस्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों के बसें सैकड़ों साल हो गए हैं। लोगों के पूर्वजों की जमीन है जिस पर वह अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं, लेकिन निगम अधिकारी इन गांवों को उजाड़ने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम की जिन जमीनों पर बिल्डरों द्वारा कब्जा किया हुआ है उसे छुड़ाने की बजाय नगर निगम अधिकारी गांवों की तरफ रुख कर ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले रविवार को निगम की कार्रवाई के खिलाफ गांव नाथूपुर में महापंचायत की गई थी जिसमें 30 से ज्यादा गांवों के लोगों ने भाग लिया और फैसला लिया गया था कि 15 जून को राज्यपाल के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर निगम की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की जाएगी। तय कार्यक्रम के अनुसार जब वीरवार को ग्रामीण जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर एकत्र हुए तो इस मौके का फायदा नगर निगम अधिकारियों ने उठाया और दल-बल के साथ गांव नाथूपुर, सिकंदरपुर पहुंच गए और तोड़फोड़ करने लगे। इस दौरान गांव में मौजूद महिलाओं व अन्य लोगों ने तोड़फोड़ दस्ते का रास्ता रोक लिया। सूचना मिलते ही धरने पर मौजूद ग्रामीण व समर्थन देने आए पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध किया।
काफी देर तक चले विरोध के बाद नगर निगम की टीम बिना कार्रवाई किए ही वापस लौट गई। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही महापंचायत की जाएगी जिसमें नगर निगम के खिलाफ किए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।