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दर्द से कराहते मरीजों को नारेबाजी की दवा

Gurugram News Network- सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) पद पर सीधी भर्ती के विरोध में शुक्रवार को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने जमकर विरोध किया। शुक्रवार को अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों को सुबह दो घंटे तक नारेबाजी की दवा मिली। डॉक्टरों ने पेन डाउन हड़ताल के तहत मरीजों को इलाज नहीं दिया। केवल इमरजेंसी सेवाएं ही सुचारू रूप से चलती रही। सुबह 9 से 11 बजे तक हड़ताल व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद डॉक्टर काम पर लौटे और मरीजों को इलाज दिया।

 

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ केशव शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने विभाग में सीधे SMO पद की भर्ती पर रोक लगाने की मांग उठाई थी। इस पर 2015 में स्वास्थ्य मंत्री ने सहमति भी रही थी। बावजूद उसके अब फिर से विभाग में सीधे SMO पद पर भर्ती किए जा रहे हैं। जबकि वर्षों से जो मेडिकल अधिकारी काम कर रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार से इस बात पर सहमति बनी थी कि पदोन्नति के आधार पर SMO बनाए जाएंगे, बावजूद कर्मचारियों की मांग को अनदेखा किया जा रहा है।

 

 

विरोध स्वरूप डॉक्टर काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे थे, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही थी। शुक्रवार को एसोसिएशन ने चेतावनी के तौर पर 2 घंटे की हड़ताल की। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती तो सरकारी डॉक्टर अनिश्चितकालीन तक हड़ताल को बढ़ा सकते हैं। उस दौरान इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाओं को भी बंद रखने की चेतावनी दी गई है।

 

 

बता दें कि सिविल अस्पताल, उप मंडल अस्पताल, PHC व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर रोजाना करीब 8 से 10 हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। शुक्रवार को हड़ताल के कारण ज्यादातर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई मरीज इलाज के लिए निजी अस्पताल का रुख कर गए।

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