35 एकड़ में बनेगी शूटिंग रेंज,खिलाड़ी शहर में कर सकेंगे अभ्यास
शहर में सरकारी शूटिंग रेंज और स्विमिंग पूल नहीं है। ऐसे में खिलाड़ियों को सुविधा का अभाव होने से निजी अकैडमियों का रुख करना पड़ता है। अब इनके लिए स्टेडियम में प्ले ग्राउंड बनाने की तैयारी हो रही है, ताकि निजी संस्थानों को भारी-भरकम फीस देने के बजाय खिलाड़ियों को सरकारी स्टेडियम में बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।
Gurugram News Network-मिलेनियम सिटी में शूटिंग करने वाले खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। शहर में दो अलग-अलग जगहों पर दो शूटिंग रेंज बनाने की तैयारी की जा रही है। एक शूटिंग रेंज ताऊ देवीलाल स्टेडियम में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की तरफ से तो दूसरी शूटिंग रेंज गांव कादरपुर में करीब 35 एकड़ जमीन में बनाने की तैयारी कर रहा है।
गांव कादरपुर में बनने वाली शूटिंग रेंज पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। इसको लेकर बीते सप्ताह ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने खेल मंत्री संजय सिंह और जिला प्रशासन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सेक्टर 38 स्थित देवी लाल स्टेडियम में जल्द ही ऑल वेदर स्विमिंग पूल के साथ-साथ शूटिंग रेंज और बैडमिंटन कोर्ट भी तैयार किया जाएगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया इसी साल में ही पूरी की जाएगी। जिसके बाद उम्मीद है कि एक वर्ष के अंदर खेल के यह तीनों नए संसाधन खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध होंगे।
शहर में सरकारी शूटिंग रेंज और स्विमिंग पूल नहीं है। ऐसे में खिलाड़ियों को सुविधा का अभाव होने से निजी अकैडमियों का रुख करना पड़ता है। अब इनके लिए स्टेडियम में प्ले ग्राउंड बनाने की तैयारी हो रही है, ताकि निजी संस्थानों को भारी-भरकम फीस देने के बजाय खिलाड़ियों को सरकारी स्टेडियम में बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।
गांव कादरपुर में शूटिंग रेंज बनाने के लिए दो साल पहले निगम ने योजना तैयार की थी। निगम की तरफ से इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भी भेजा गया था, लेकिन इसके बाद से इस योजना को निगम ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने पेरिस ओलपिंग में प्रदेश की खिलाड़ी मनु भाकर द्वारा दो मेडल जितने के बाद गुरुग्राम में भी शूटिंग रेंज बनाने की बात कही है।
गांव कादरपुर की पंचायत ने शूटिंग रेंज के लिए 35 एकड़ भूमि दी हुई है। इस भूमि पर शूटिंग रेंज के निर्माण में जिला प्रशासन व खेल विभाग अपना सहयोग प्रदान करें और जीएमडीए से इसे स्वीकृति दिलवाई जाए। इसके निर्माण के लिए दो सौ करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए।