अच्छी खबर:वाटिका चौक पर बनेगा क्लोवरलीफ,मजबूत होगी कनेक्टिविटी
Dwarka Express way को Delhi-Mumbai express way से जोड़ने का रास्ता साफ
Gurugram News Network-Dwarka Express way को Delhi-Mumbai express way के बीच कनेक्टिविटी के लिए वाटिका चौक पर क्लोवरलीफ बनेगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एनएच 248ए (गुरुग्राम-सोहना एलिवेटिड रोड) पर वाटिका चौक पर क्लोवरलीफ तैयार करने की प्राथमिक मंजूरी गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) को दे दी है। इन दोनों के बनने के बाद एनएच248ए, एसपीआर और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड पर यातायात दबाव कम हो जाएगा।
एनएच248ए पर वाटिका चौक के समीप क्लोवरलीफ निर्माण की अनुमति प्रदान की जाए। उन्हें बताया कि मौजूदा समय में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड या द्वारका एक्सप्रेस वे से एसपीआर के माध्यम से वाटिका चौक पर पहुंच रहे वाहन चालकों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर चढ़ने के लिए वाटिका चौक से लेकर भौंडसी तक या वाटिका चौक से सुभाष चौक तक जाना पड़ता है। इसके बाद एलिवेटिड हाइवे पर चढ़कर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के लिए निकलते हैं। इस कारण गुड़गांव-सोहना रोड पर यातायात अधिक रहता है। एनएचएआई अध्यक्ष को बताया गया कि द्वारका एक्सप्रेस वे से लेकर एनएच 248ए को जोड़ने के लिए करीब 5.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटिड रोड बनाने की योजना है। ऐसा होने के बाद द्वारका एक्सप्रेस वे, एनएच 48 और एनएच248ए आपस में जुड़ जाएंगे। इससे रोजाना हजारों की संख्या में वाहन चालकों को लाभ मिलेगा।
मौजूदा समय में एसपीआर की हालत काफी खराब है। द्वारका एक्सप्रेस वे से यदि किसी वाहन चालक को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर जाना होता है तो उसे इस बदहाल सड़क को पार करने में 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है। यातायात दबाव अधिक होने के कारण वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि एसपीआर पर सेक्टर 68 से लेकर 79 तक विकसित हैं। इन सेक्टर में करीब 20 हजार परिवारों ने रहना शुरू कर दिया है। ऐसे में सुबह और शाम के समय एसपीआर पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है।
एनएचएआई से प्राथमिक मंजूरी मिलने के बाद जीएमडीए की तरफ से किसी सलाहकार कंपनी को एलिवेटिड रोड और क्लोवरलीफ निर्माण का इस्टीमेट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि तीन महीने के अंदर यह तैयार हो जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री के समक्ष जीएमडीए अथॉरिटी की बैठक में इस मामले को रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया को शुरू होगी।