गुरुग्राम न्यूज़ नेटवर्क – गुरुग्राम के जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर मुंडन करवा रहे है ये है सरकारी नौकरी से हटाए गए पीटीआई टीचर , जो कि 10 साल शिक्षा विभाग में पीटीआई टीचर की नौकरी करने के पश्चात 02 जून को हटाए गए है | दरअसल हरियाणा में कांग्रेस सरकार द्वारा सन 2010 में 1983 पीटीआई टीचर्स की भर्ती की गई थी लेकिन सरकार द्वारा की गई चयन प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कुछ लोग कोर्ट में चले गए थे | कोर्ट ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए सरकार को आदेश दिए थे कि जांच कमेटी गठित कर इस चयन प्रक्रिया की जांच के आदेश जारी किये थे | हरियाणा सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में भी चयन प्रक्रिया में खामिया पाई गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश जारी कर भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की सिफारिश की थी | 02 जून को हरियाणा सरकार ने सभी 1983 पीटीआई टीचर्स की सेवाए समाप्त कर उन्हें नौकरी से हटा दिया गया | अब इन टीचर्स की मांग है कि हरियाणा सरकार विशेष विधेयक लाकर इन्हे फिर से नौकरी बहाली के आदेश जारी करे क्योंकि दस साल की नौकरी के बाद तो किसी को नहीं हटाया जाना चाहिए |
दस साल की सेवाओं के बाद बर्खास्त किये गए इन सभी अध्यापको ने दो दिन पहले गुरुग्राम के PWD रेस्ट हाउस में रुके हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल का घेराव भी किया था और बाद में मुख्यमंत्री से इनका एक दल जाकर मिला था लेकिन मुख्य्मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए थे | जिसके बाद हटाए गए ये टीचर गुरुग्राम के जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए है और रोषवश मुंडन भी करवाया | मुंडन कराने वाले इन सभी अध्यापको का कहना है कि यदि अब भी इनकी सुनवाई ना हुई तो सभी टीचर आमरण अनशन पर बैठेंगे |
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हटाए गए इन सभी अध्यापको के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है क्योंकि अब इन्हे निजी स्कूलों से भी कोई आस नहीं है | इनकी आस सिर्फ हरियाणा सरकार से है अब देखना यह होगा कि हरियाणा सरकार इनकी और ध्यान देती है या नहीं ?