Gurugram News Network – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज गुरुग्राम जिला स्थित पुलिस क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (आरटीसी) भोंडसी के ऑडिटोरियम से प्रदेश भर में प्रथम चरण में शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी 14 डिजिटल सेवाओं का रिमोट से बटन दबाकर विधिवत शुभारंभ किया । इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में 6 अस्त्र-शस्त्र प्रशिक्षण केंद्रों का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री ने वहां नई बनाई गई 100 मीटर की शूटिंग रेंज का भी अवलोकन किया ।
आज गुरुग्राम से शुरू की गई इन सेवाओं पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 7 साल से गर्वनेंस का हर काम तकनीक के माध्यम से करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शासन से नागरिकों की संतुष्टि होनी चाहिए इसलिए तकनीक के प्रयोग से शासन को प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज शुरू की गई सेवाओं के लिए पहले एक फ्लो चार्ट बनाया गया जिसमें पाया गया कि शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन से लेकर लाइसेंस बनने तक की पूरी प्रक्रिया 25 दिन में पूरी हो सकती है और सेवा के अधिकार अधिनियम के अनुसार उसकी अपील का समय भी कम किया जा सकता है जोकि वर्तमान में 60 दिन का है।
उन्होंने कहा कि शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और ऑनलाइन सुविधा शुरू होने से अब लोगों को पारदर्शी, समयबद्ध और बिना पर्ची -बिना खर्ची के लाइसेंस बनवाने की सुविधा मिलेगी । उन्होंने कहा कि लोगों को अब शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए केवल 2100 रुपए खर्च करने होंगे जिनमें से 1500 रुपए प्रशिक्षण के, 500 रुपये आवेदन के तथा 100 रुपए अटल सेवा केंद्र के माध्यम से अप्लाई करने में लगेंगे। उन्होंने कहा कि अब इन सेवाओं के लिए व्यक्ति को 2100 रुपये से एक भी रुपया अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण पहले होमगार्ड के माध्यम से दिया जाता था लेकिन अब यह प्रशिक्षण 6 प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से मिलेगा जिनका आज लोकार्पण हुआ है। मुख्यमंत्री ने जिन 6 अस्त्र शस्त्र प्रशिक्षण केंद्रों का आज लोकार्पण किया गया उनमे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, गुरुग्राम(भोंडसी), पुलिस प्रशिक्षण केंद्र , रोहतक (सुनारिया), पुलिस लाइंस , पंचकूला (मोगीनंद), हरियाणा पुलिस अकादमी , करनाल (मधुबन), पुलिस लाइंस , हिसार तथा पुलिस लाइंस , नारनौल शामिल हैं।
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री द्वारा शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी 14 सेवाओं का शुभारंभ किया गया उनमें नए शस्त्र लाइसेंस जारी करना, शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण, शस्त्र का बिक्री/ हस्तांतरण/उपहार, बाहरी लाइसेंस का पंजीकरण, शस्त्र का अधिग्रहण, शस्त्र अधिकार क्षेत्र के भीतर पते का परिवर्तन, शस्त्र की खरीद अवधि का विस्तार, शस्त्र लाइसेंस में शस्त्र का अनुमोदन, शस्त्र लाइसेंस से शस्त्र हटाना, एक प्रकार के शस्त्र का परिवर्तन, डुप्लीकेट शस्त्र लाइसेंस जारी करना, गोला बारूद की मात्रा में परिवर्तन, क्षेत्र की वैधता का विस्तार तथा शस्त्र लाइसेंस का निलंबन/रद्द/ निरस्तीकरण आदि शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज हरियाणा के इतिहास में पारदर्शिता का एक और नया अध्याय जुड़ा है। प्रशासन लगातार स्मार्ट बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट का अभिप्राय है -सिंपल ,मोरल ,अकाउंटेबल, रिस्पांसिबल और ट्रांसपेरेंट। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि साधारण व्यक्ति के जीवन में 5एस अर्थात शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वाबलंबन शामिल हों ताकि उसका जीवन सरल और सुखद हो। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है साधारण व्यक्ति को ईज़ ऑफ लिविंग की सुविधा मिले और उसमें हमारी रैंकिंग अच्छी आए, इस पर हम लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि खुशहाली का मतलब केवल आर्थिक समृद्धि ही नहीं है बल्कि वह सरल तरीके से जीवन व्यतीत कर सकें, ऐसी हमारी सोच है। इसी सोच के साथ यह पोर्टल प्रारंभ किया गया है । उन्होंने कहा कि लोगों को अलग-अलग उद्देश्यों से शस्त्र लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती है। उनका मानना है कि नई सुविधा से जनता को लाभ मिले।
कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने अपने संबोधन में कहा कि शस्त्र लाइसेंस को लेकर लोगों में सदैव एक असमंजस की स्थिति बनी रहती थी जिसमें आवेदक को अपने आवेदन की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन अब एनआईसी, नागरिक संसाधन सूचना विभाग व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त प्रयासों से शुरू हुई इस ऑनलाइन सेवा में शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी प्रक्रिया तथा सूचना आदि के कार्यों को शामिल किया गया है।
विज ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस आवेदक अब सरल पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन करने के साथ ही उससे जुड़ी हर स्तर की सूचना उसे एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी। इसी पोर्टल पर व्यक्ति शस्त्र प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट ले सकेगा। प्रशिक्षण के लिए आवेदक को मात्र ₹1500 रुपये की फीस देनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु को दो दिन थ्योरी व एक दिन का शस्त्र प्रशिक्षण देने उपरान्त उसको सर्टिफिकेट दिया जाएगा। विज ने कहा कि यह पोर्टल पूर्व की सभी भ्रांतियों को समाप्त करते हुए आवेदक को सरल माध्यम से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। अब आवेदक को केवल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ही सरकारी कार्यालय में एक बार आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में भ्रष्टाचार रहित पारदर्शी सेवा प्रणाली विकसित की जा रही है।
इस मौके पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए वर्षों से प्रदेश में होमगार्ड से ट्रेनिंग करवाने की प्रथा चली आ रही थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेरणा से आज की ये ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए वर्कफलो चार्ट तैयार करने को लेकर पंचकूला तथा रोहतक जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट चलाया गया। उन्होंने ये भी बताया कि एक जुलाई 2022 से इन सेवाओं का सॉफट लांच करके कमियां दूर करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए थे। कई जिलों से सुझाव प्राप्त हुए जिन्हें शामिल किया गया। अरोड़ा ने कहा कि अभी भी यह प्रक्रिया चल रही है। साथ ही अरोड़ा ने कहा कि हम इस सुविधा की कमियों को साथ साथ दूर करते रहेंगे तथा ऑनलाइन सेवाओं में भी और सेवाएं जोड़ते रहेंगे। अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा शायद देश का पहला राज्य है जहां पर शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है।
कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल ने भी अपने संबोधन में इस ऑनलाइन सुविधा को अभूतपूर्व पहल बताया और कहा कि इससे जनता को सुविधा होगी तथा शस्त्र लाइसेंस बनाने की कार्य में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से जुड़े अन्य जिलों के उपायुक्तों तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी अपील की कि शुरू के दिनों में वे रूचि लेकर इस कार्य को आगे बढ़ाएं और इसमें सुधार के लिए अपने सुझाव भी दें।