जल्द घटेगा NCR का दायरा, मास्टर प्लान 2041 ड्राफ्ट को मिली मंज़ूरी
Gurugram News Network – देश में अब एनसीआर का दायरा घटाने को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई हैं । भारत सरकार ने मास्टर प्लान 2041 ड्राफ्ट को मंजूरी दी है जिसके बाद एनसीआई का दायरा घटाया जा सकता है जिससे आने वाले समय में उन क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी जो वर्तमान समय में एनसीआर दायरे में आने वाले लोगों पर कई प्रतिबंध लगे हुए हैं । जैसे कि 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ी और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी पर रोक लगी हुई है । सरकार ने ये फैसला एनसीआर के शहरी क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करना है ।
भारत सरकार एनसीआर एरिया में शामिल आसपास के शहरों के विकास और संवर्धन के लिए एनसीआर का दायरा कम करने जा रही है । ऐसा होने पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के राजघाट से 100 किमी के अंदर ही सिकुड़ जाएगा। इसके आगे का क्षेत्र एनसीआर से बाहर हो जाएगा । एनसीआर योजना बोर्ड ने ‘मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041’ को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एनसीआर के शहरी क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।
100 किलोमीटर के दायरे में सिमट जाएगा NCR
एनसीआर वर्तमान में लगभग 150-175 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो आसपास के जिलों और उनके ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करता है, लेकिन क्षेत्रीय योजना 2041 की मंजूरी मिलने से अब 100 किमी के बाहर का क्षेत्र एनसीआर का मुख्य हिस्सा नहीं रहेगा। सरकार की ओर से बहुत जल्द इस पर लोगों से सुझावों और आपत्तियां मांगी जाएंगी । इसका एक विस्तृत मसौदा योजना जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और उसके बाद इसे एनसीआर योजना बोर्ड द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
चार राज्यों के 25 जिले हैं योजना में
एनसीआरपीबी पूरी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आठ जिले, हरियाणा के 14 जिले और राजस्थान के दो जिलों को कवर करता है। कुल मिलाकर बोर्ड के दायरे में 55,083 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आता है। बोर्ड की योजना है कि इस पूरे क्षेत्र को हेलीटैक्सी से जोड़ा जाए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। ड्राफ्ट के अनुसार हेलीटैक्सी की सेवा हर जिला मुख्यालय और पर्यटन केंद्रों पर उपलब्ध होगी। योजना में प्रस्ताव रखा गया है कि इस क्षेत्र को विश्वस्तरीय विमानन हब में बदला जाएगा और इसके लिए हर जिले में हेलीपोर्ट और एयरपोर्ट बनाए जाएंगे।
शहरों के बीच बुलेट ट्रेन से 30 मिनट में पहुंचेंगे
ड्राफ्ट में कहा गया है कि पूरे एनसीआर में यात्रा का समय घटाना महत्वपूर्ण है और इसके लिए ये तय किया गया है कि तेज रफ्तार बुलेट ट्रेन या हेलीटैक्सी से एक से दूसरे शहर में 30 मिनट के अंदर, दूसरी ट्रेनों से 60 मिनट के अंदर और दो से तीन घंटे के अंदर कार से पहुंचा जा सके। दिल्ली को एनसीआर के बड़े शहरों से सुपरफास्ट ट्रेन से मात्र 30 मिनट की दूरी पर होना चाहिए। ड्राफ्ट में इलेक्ट्रिक परिवहन ढांचे को बढ़ावा देने की भी योजना है। इसके अलावा जल और वायु की गुणवत्ता सुधारने, पर्यावरण संरक्षण, शहरी पुनर्निर्माण, आसान जीवन यापन, झुग्गी मुक्त क्षेत्र, 24 घंटे एयर एंबुलेंस, स्वच्छ और स्मार्ट एनसीआर आदि कुछ और बड़े कदम हैं जिन पर इस योजना में जोर रहेगा।
इस 100 किमी के परिसीमन में आंशिक रूप से पड़ी तहसीलों को शामिल करने या छोड़ने का निर्णय संबंधित राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाएगा । एनसीआरपीबी की वेबसाइट पर उपलब्ध क्षेत्रीय योजना 2021 में सात मेट्रो केंद्रों के नाम हैं । इनमें – फरीदाबाद-बल्लभगढ़, गुड़गांव-मानेसर, गाजियाबाद-लोनी, नोएडा, सोनीपत-कुंडली, ग्रेटर नोएडा और मेरठ शामिल हैं ।
इसके अलावा, इसने 11 क्षेत्रीय केंद्रों की भी पहचान की थी- जिसमें बहादुरगढ़, पानीपत, रोहतक, पलवल, रेवाड़ी-धारूहेड़ा-बावल, हापुड़-पिलखुआ, बुलंदशहर-खुर्जा, बागपत-बड़ौत, अलवर, ग्रेटर भिवाड़ी, शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि “गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ के कुछ क्षेत्र और अन्य एनसीआर का हिस्सा रहेंगे क्योंकि वे 100 किमी-रेडियस एरिया में आते हैं। हमने पहले से ही ऐसे क्षेत्र विकसित किए हैं, जो 50-60 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। अब शेष भाग पर ध्यान दिया जाएगा।”
मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 ने भविष्य में झुग्गी-झोपड़ी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा और हेलिटैक्सिस, सड़क, रेल और अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से उच्च गति कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त किया है। मसौदा योजना में एनसीआर के प्रमुख शहरों के भीतर सुपर-फास्ट ट्रेनों के माध्यम से 30 मिनट की कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया गया है और निकटतम एनसीआर सीमाओं से दिल्ली तक 30 मिनट की मास ट्रांजिट रेल सिस्टम (एमटीआरएस) शुरू करने का भी प्रस्ताव है।
सौ किलोमीटर के दायरे से बाहर के शहर भी होंगे एनसीआर में शामिल
उत्तर प्रदेश का मेरठ इसका हिस्सा होगा, जबकि मथुरा और मुजफ्फरनगर जिले को इसकी परिधि से बाहर रखा जा सकता है। हालांकि एनसीआर का लाभ प्राप्त करने के लिए एक अन्य प्रावधान भी किया गया है, जिसके तहत दिल्ली से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के दोनों किनारों पर दो किमी की चौड़ाई में बसे क्षेत्र को एनसीआर का लाभ दिया जा सकता है। नेशनल हाईवे से जुड़ने वाले एक सौ किमी के दायरे से बाहर के बड़े शहर भी एनसीआर का हिस्सा हो सकते हैं। लेकिन उन जिलों के ग्रामीण क्षेत्र इससे बाहर होंगे।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में तैयार प्रस्तावों पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन मतभेद होने की वजह से प्रस्ताव को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है । मंगलवार की बैठक में ज्यादातर राज्यों की सहमति बन चुकी है । हरियाणा की ओर से अगले एक सप्ताह के भीतर उसके सुझाव प्रस्तुत होने के बाद फाइनल मसौदे को अक्टूबर के आखिरी सप्ताह अथवा नवंबर के पहले सप्ताह में लोगों की राय जानने के लिए वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा ।