Gurugram News Network – चिंटल पैराडिसो सोसाइटी के टावर्स रहने लायक नहीं है। यह खुलासा IIT दिल्ली की रिपोर्ट में हुआ है। टीम ने सोसाइटी की E और F टावर को भी जांच के बाद अनसेफ घोषित कर दिया है। वहीं टीम अब टावर A और G के सैंपल की जांच कर रही है। इसके साथ ही टावर H के सैंपल लेने की प्रक्रिया जारी है।
IIT दिल्ली की रिपोर्ट का खुलासा करते हुए चिंटल पैराडिसो सोसाइटी हादसे की जांच के लिए गठित एसआईटी के अध्यक्ष एवं एडीसी विश्राम मीणा ने बताया कि IIT दिल्ली की टीम द्वारा टावर E और F की स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट जारी कर दी गई। टीम की रिपोर्ट में इन टावर्स के निर्माण में ढांचागत कमियां मिली है। जिसकी मरम्मत तकनीकी और आर्थिक आधार पर संभव नहीं है, इसलिए यह टावर्स रिहायश के योग्य नहीं है।
एडीसी ने IIT की टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि 10 फरवरी 2022 को चिंटल पैराडिसो के टावर D में हुए हादसे में दो व्यक्तियों की जान चली गई थी उसके बाद IIT दिल्ली की टीम को इस टावर की स्ट्रक्चरल ऑडिट की जांच सौंपी गई थी। IIT दिल्ली ने पहले नवंबर, 2022 में जारी अपनी जांच रिपोर्ट में टावर D को अनसेफ करार दिया था। जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट भी टावर के निवासियों व डेवलपर के साथ सेटलमेंट संबंधी प्रक्रिया के लिए सांझा की जा रही है। वहीं अब E और F टावर को भी रिहायश के लिए असुरक्षित बताया है।
उन्होंने बताया कि हालिया रिपोर्ट में भी बिल्डिंग के निर्माण में इस्तेमाल कंक्रीट में क्लोराइड की अधिक मात्रा में मिला है। जिससे निर्माण में इस्तेमाल स्टील व कंक्रीट का क्षरण हो गया। IIT दिल्ली की टीम ने यह भी सिफारिश की है कि E और F टावर को बंद कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि IIT दिल्ली की जांच रिपोर्ट के आधार पर E और F टावर के अलॉटियों का नियमानुसार पुनर्वास किया जाएगा। इसी प्रकार, इसी सोसायटी के टावर A और G में भी स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए सैंपलिंग का कार्य पूरा हो चुका है वहीं टावर H में सैंपलिंग का कार्य जारी है।