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शिकायत लेकर गए लोगों को थाने में नहीं दी रसीद तो SHO पर होगी कार्रवाई

 
शिकायत लेकर गए लोगों को थाने में नहीं दी रसीद तो SHO पर होगी कार्रवाई
Gurugram News Network - शिकायत लेकर थाने में जाने वाले लोगों को अब रसीद दी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर आला अधिकारी के पास आता है और वह थाने में शिकायत देने की बात कहता है, लेकिन उसे थाने से रसीद न मिलने की बात कही तो संबंधित थाना प्रभारी (SHO) के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, पुलिस महानिदेशक आज गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को बढ़ावा देना और साइबर अपराध को रोकना पुलिस के लिए प्राथमिकता है। डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा के मद्देनजर ट्रिप मॉनिटरिंग प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत महिलाओं को अपने मोबाइल पर पुलिस की ऐप पर खुद को रजिस्टर्ड करना होगा। लेट नाइट घर से बाहर जाने वाली अथवा कार्यालय से घर लौटने वाली महिलाएं इस सेवा को एक्टिवेट कर सकती हैं और लेट नाइट का समय अपडेट कर सकती हैं। इसके बाद पुलिस तब तक उस महिला की मॉनिटरिंग करेगी जब तक वह घर नहीं पहुंच जाती। समय अंतराल के बीच कॉल करके पुलिस महिला की जानकारी लेगी। उन्होंने कहा कि महिला अपराध को रोकने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी यूनिक आईडी नंबर दिया गया है। इस पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चलाने वाले ड्राइवर, कंडक्टर और वाहन मालिक की पूरी जानकारी पुलिस के पास उपलब्ध होगी। डीजीपी ने कहा कि रोजाना 112 पर 1200 से ज्यादा कॉल आती हैं। इनमें से 300 कॉल साइबर अपराध की होती है। साइबर अपराध को रोकने के लिए 112 सेंटर पर ही बैंक और टेलीकॉम कंपनी के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। एक टीम बनाकर साइबर अपराध को शुरूआती दौर में ही रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे ही कोई 112 पर कॉल करता है तो उसके साथ हुए साइबर फ्रॉड पर उसी वक्त एक्शन शुरू कर दिया जाता है। इससे साइबर अपराध को कम करने में मदद मिली है। पहले के मुकाबले साइबर अपराध का ग्राफ 30 प्रतिशत कम हो गया है। इसके साथ ही प्रदेश के अलग-अलग जिलों की पुलिस को अलग-अलग राज्यों में भी तैनात किया गया है ताकि साइबर अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके। वर्तमान में गुड़गांव की एक टीम को झारखंड में लगाया गया है। यहां से जब कोई साइबर फ्रॉड करने वाले की लोकेशन वहां बताई जाती है तो संबंधित थाना पुलिस के साथ जाकर साइबर अपराध करने वाले को पकड़ने का प्रयास किया जाता है। यही कारण है कि साइबर अपराध में कमी आ रही है।