कोविड इलाज के नाम पर अस्पतालों ने मचाई लूट, जांच में हुआ खुलासा
Gurugram News Network- कोविड इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों ने जमकर लूट मचाई थी। इसका खुलासा प्रदेश सरकार द्वारा जिला स्तर पर बनाई गई कमेटी की जांच में हुआ है। कोविड के दौरान मरीजों से अधिक बिल वसूलने की आ रही शिकायतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह कमेटी गठित की थी। कमेटी को जिले से कुल 62 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिसमें से 45 शिकायत सही पाई गई। अब इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कमेटी ने स्वास्थ्य महानिदेशक को सिफारिश की है।
कोविड महामारी के दौरान प्रदेश सरकार ने कोविड टेस्ट से लेकर मरीज के इलाज के लिए रेट निर्धारित किए थे। इस निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके भी जिले में कई अस्पतालों ने महामारी के इस दौर में मरीजों के इलाज के नाम पर परिजनों से मोटी रकम वसूली थी। लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कमेटी को गठित कर जांच करने को कहा था।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग को 62 शिकायतें प्राप्त हुई थी। इसमें से 56 शिकायतों पर जांच पूरी हो गई है। छह शिकायतों पर जांच होना बाकी है। 45 शिकायत जांच में सही पाई गई हैं। अधिकारियों के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि अस्पतालों ने लाखों रुपए का बिल अधिक बनाया है। जांच के दौरान 21 अस्पताल ऐसे थे जिन्होंने शिकायतकर्ताओं को अधिक वसूली गई राशि को लौटा दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली।
अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया है कि इसमें 10 मामले मेडिक्लेम इंश्योरेंस से संबंधित थे। दो मामले हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों से जुडे थे। दो शिकायतकर्ताओं ने मामलों को अदालत में दायर कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि छह शिकायतों में अस्पतालों द्वारा कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला गया जबकि पांच शिकायतों की जांच में पाया गया कि मामला कोविड के इलाज से संबंधित ही नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि निजी अस्पतालों ने मरीज के परिजनों से 9 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक अधिक वसूले हैं। इसमें दवाओं, व बैड के नाम पर सबसे अधिक राशि वसूली गई है। जबकि हरियाणा सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए आईसीयू, बेड, दवाओं के रेट निर्धारित कर दिए गए थे।
सिटी मजिस्ट्रेट दर्शन यादव ने बताया कि 62 में से 56 शिकायतों की जांच के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को भेज दिया गया है। सरकार के आदेश पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।