अब एकलव्य चौक के नाम से जाना जाएगा हीरो होंडा चौक
Gurugram News Network – अब गुरुग्राम के सबसे मशहूर Hero Honda Chowk का नाम बदल दिया गया है । अब से हीरो होंडा चौक को Eklavya Chowk के नाम से जाना जाएगा । दरअसल ये फैसला गुरुग्राम नगर निगम की सामान्य बैठक में लिया गया है । समिति ने इस चौक के अलावा शहर के 15 सड़कों और चौक चौराहों के नाम बदलने का प्रस्ताव पास किया है । जिस पर ये फैसला लिया गया है ।
Hero Honda Chowk का नाम उस समय पड़ा जब 90 के दशक में गुरुग्राम के सेक्टर 34 में हीरो होंडा कंपनी का प्लांट शुरु हुआ । तब से ही दिल्ली जयपुर हाइवे पर इस चौक को हीरो होंडा चौक से पड़ गया और इसी नाम से ये चौक मशहूर हो गया । हीरो होंडा चौक इसलिए भी विश्व के मानचित्र पर जाना जाने लगा क्योंकि इस चौक के पास से ही बादशाहपुर ड्रेन होकर गुजरती है और मॉनसून के दिनों में आए साल यहां पर भारी जलभराव हो जाता है जिसके बाद गुरुग्राम में ट्रैफिक की व्यवस्था चरमरा जाती है ।
साल 2016 में इस चौक पर हुए जलभराव की वजह से गुरुग्राम में महाजाम लग गया था जो कि लगभग 36 घंटो के बाद जाकर खुला था । फिर यहां पर फ्लाइओवर का निर्माण किया गया । फ्लाइओवर का निर्माण होने के कुछ महीनों के बाद ही ये फ्लाइओवर चर्चा में आने लगा क्योंकि खराब गुणवत्ता के चलते इस फ्लाइओवर का कुछ हिस्सा टूट गया और लगभग तीन बार इसी तरह इस फ्लाइओवर को बंद करना पड़ा ।
Eklavya Chowk नाम रखने के पीछे कारण ये है कि Hero Honda Chowk से सटा हुआ खांडसा गांव है और पूरे विश्व में एकलव्य का एकमात्र मंदिर गुरुग्राम के खांडसा गांव में ही है । एकलव्य का किरदार महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और गुरुग्राम का नाम भी महाभारत काल के गुरु द्रोण के नाम से ही रखा गया । एकलव्य गुरुग्राम द्रोण के शिष्य हुआ करते थे और गुरुग्राम के खांडसा गांव में ही गुरुदक्षिणा के तौर पर एकलव्य ने अपना अंगूठा गुरुद्रौणाचार्या को दिया था इसीलिए हीरो होंडा चौक का नामकरण एकलव्य के नाम से किया गया है । अब शहर की 15 सड़कें और चौक चौराहों के नामकरण में इस चौक का नाम भी शामिल है और हीरो होंडा चौक को अब एकलव्य चौक के नाम से जाना जाएगा ।
भले ही गुरुग्राम नगर निगम ने इतिहास को याद करते हुए Hero Honda Chowk का नाम बदलकर Eklavya Chowk कर दिया हो लेकिन खांडसा गांव में एकलव्य का एकमात्र मंदिर आज दयनीय स्थिति में हैं जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं । चाहे गुरुग्राम नगर निगम हो या फिर जिला प्रशासन किसी ने भी एकलव्य मंदिर का जीर्णोद्धार करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए । इतना ही नहीं जिस गुरु के नाम पर इस शहर का नाम गुरुग्राम किया गया उस गुरु की मूर्ति कुछ साल पहले तक राजीव चौक के पास लगी हुई थी लेकिन पिछले करीब 6 सालों से उस मूर्ति को भी गुरुग्राम जिला प्रशासन अभी तक कोई स्थान नहीं दे पाया है ।
इन 15 सड़कों और चोराहों का किया गया नामकरण
इनमें सैक्टर-71 व 73 डिवाईडिंग रोड़ व फाजिलपुर-बहरामपुर रोड़ चौराहे का नामकरण राव विजयवीर के नाम से करने, खाटूश्याम मंदिर वजीराबाद से लेकर ढ़ाणी चौक तक स्वतंत्रता सेनानी किशनलाल यादव के नाम से करने, गांव खांडसा की हरीजन चौपाल का नाम अंबेडकर चौपाल करने व नाहरपुर रूपा में वृद्धाश्रम का नाम अंबेडकर भवन करने, हीरो होंडा चौक से बसई चौक तक की सडक़ का नाम कारगिल शहीद सुखबीर सिंह यादव के नाम से करने, सैक्टर-32 व 39 झाड़सा मार्ग का नाम दीनबंधु सर छोटूराम मार्ग करने, हीरो होंडा चौक का नाम एकलव्य के नाम से करने का प्रस्ताव पास किया गया ।
इसी प्रकार सैक्टर-42 के मकान नंबर 420 के पास स्थित पार्क का नाम स्व. आरएस राठी के नाम से करने, बसई रोड़ से फिरोजगांधी कॉलोनी-1 के मार्ग का नाम महर्षि वाल्मिकी मार्ग करने, फिरोजगांधी कॉलोनी-1 के बड़े पार्क का नाम डा. भीमराव अंबेडकर के नाम से करने, खांडसा रोड़ से 4/8 मरला मार्ग के बीच में पडऩे वाले चौक का नाम भगवान परशुराम चौक करने, सैक्टर-9 व देवीलाल कॉलोनी के बीच स्थित बड़े पार्क का नाम शहीद उधम सिंह पार्क करने, वजीराबाद मार्केट से आर्टिमिस रोड़ वजीराबाद एंट्री का नाम राव बालाकिशना करने, जैकबपुरा रोड़ का नामकरण स्व.चौधरी मनोहर सिंह आजाद मार्ग तथा अंबेडकर चौक इंद्रा कॉलोनी से कन्हैयी चौक तक सडक़ का नाम कप्तान कप्तान गणपत राम यादव करने का प्रस्ताव शामिल है।