Railway line: दिल्ली से जम्मू जाना होगा आसान, जल्द बिछाई जाएगी नई रेल लाइन, जमीनो के रेट छुएंगे आसमान
Railway line: कटड़ा से श्रीनगर सीधी रेल (Railway line) कनेक्टिविटी हो गई है। ऐसे में अब दिल्ली से जम्मू तक नई रेल (Railway line) लाइनें बिछाने को लेकर रेलवे सर्वे कर रहा है, क्योंकि इस रूट पर यात्रियों की संख्या में जहां इजाफा होगा, वहीं माल ढुलाई के भी विकल्प खुलेंगे।
दिल्ली से अंबाला तक फिलहाल डबल लाइन है, जिसे रेलवे अब फोर लाइन करने की तैयारी में है। इसके लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है, जिसमें पता चलेगा कि इस रूट पर नई रेल लाइन (Railway line) बिछाने के लिए कितना रुपया खर्च होगा।
हालांकि, इसका एस्टीमेट तैयार करने की जिम्मेदारी रेलवे (Railway की कंस्ट्रक्शन विभाग को दी है। हालांकि इसमें उत्तर रेलवे (Railway के चार मंडल शामिल होंगे, जिनमें दिल्ली, अंबाला, फिरोजपुर और जम्मू मंडल होगा।
इसके अलावा लुधियाना से हिसार के बीच भी डबल लाइन बिछाई जाएगी ताकि इस रूट पर भी रेलवे (Railway) कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके। इसी तरह सरहिंद से नंगलडैम भी डबलिंग की जाएगी।
इसी तरह अंबाला से जालंधर तक भी डबल लाइन है, जहां नई रेल लाइन (Railway line) बिछाने को लेकर सर्वे किया जा रहा है। दिल्ली से जम्मू तक रेलवे का सबसे व्यस्त रेलमार्ग है और श्रीनगर तक रेल कनेक्टिविटी होने के चलते यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। यही कारण है कि रेलवे (Railway) अब डबल से फोर लाइन की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है।
रेल लाइन (Railway line) बिछाने के लिए रेलवे की अलग-अलग विंग काम कर रही हैं। नई रेल (Railway line) लाइनों के लिए कितना रुपया खर्च होगा इसका एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। दिल्ली से अंबाला तक रेलवे (Railway) के पास जमीन भी है। अब यह तय किया जा रहा है किरेलवे (Railway) को डबल से फोर लाइन करने के लिए कितनी जमीन और चाहिए।
भले ही रेलवे (Railway)का कंस्ट्रक्शन विभाग को एस्टीमेट तैयार करने की जिम्मेदारी है, लेकिन इसकी मानीटरिंग के तौर पर चारों मंडलों के अधिकारियों को नजर रखनी होगी।
हालांकि, लुधियाना से कोलकाता तक डेडिकेटिड रेल फ्रेट कारिडोर की लाइन बिछाई गई है, जिसके चलते मालगाड़ियों को मुख्य लाइन से शिफ्ट किया जा चुका है। इसके बावजूद दिल्ली से जम्मू तक का रेलवे (Railway का रेल मार्ग काफी व्यस्त माना जाता है। इसको लेकर अधिकारियों की मीटिंग भी चल रही हैं। इस रूट पर मौजूदा समय दौड़ने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग टिकट ही मिलती है। यदि यह लाइनें बिछने के प्रस्ताव पर हरी झंडी मिलती है, तो वेटिंग की समस्या का समाधान हो जाएगा। माैजूदा समय डबल लाइन (line) होने के बावजूद रेलवे को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नई रेल लाइनें (Railway line) बिछाने के बाद रेलवे को काफी आमदनी होगी। रेलवे रेलवे (Railway) का फोकस माल ढुलाई पर है, जबकि सड़क मार्ग से होने वाली माल ढुलाई रेलवे रेलवे (Railway) की ओर लाने के लिए काम किया जा रहा है।रेलवे (Railway)की कमाई का मुख्य साधन माल ढुलाई है। यही कारण है कि नई लाइनें बिछाने के सर्वे के बीच रेलवे (Railway) यह भी चेक करता है कि यात्री सुविधाओं के साथ साथ माल ढुलाई में कितना इजाफा होगा। रेलवे (Railway) का फोकस है कि जो भी ढुलाई रोड से हो रही है, उसे रेलवे के माध्यम से किया जाए। इसी को लेकर कारोबारियों से भी मीटिंग कर उनको रेलवे से माल ढुलाई के फायदे बताए जा रहे हैं ताकि वे रेलवे के माध्यम से इसे भेजें।