Haryana Guest Professors: हरियाणा के गेस्ट प्रोफेसरों के लिए खुशखबरी, नौकरी हुई पक्की
हरियाणा सरकार की ओर से 5 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी की गारंटी दे दी है।
हरियाणा सरकार की ओर से 5 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी की गारंटी दे दी है। सरकार ने 1 लाख 20 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को 58 साल तक उनकी सेवाएं सुरक्षित करने के बाद राजकीय महाविद्यालयों में काम कर रहे 2016 विस्तार प्राध्यापकों (एक्सटेंशन लेक्चरर) और 46 अतिथि प्राध्यापकों की नौकरी रिटायरमेंट सुरक्षित कर दी है।
अब रिटायरमेंट तक नहीं हटेंगे यह अध्यापक
राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों, राजकीय सोसाइटी बहुतकनीकी संस्थान एवं राजकीय अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संस्थानों में लंबे वक़्त से कार्य कर रहें अतिथि प्राध्यापकों, अनुदेशकों और सहायक प्राचार्यों को भी सेवानिवृत्ति आयु तक नहीं हटाया जा सकेगा.
विधि एवं विधायी विभाग की प्रशासनिक सचिव रितु गर्ग की ओर से प्राध्यापक तथा अतिथि प्राध्यापक (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक और हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक की अधिसूचना जारी कर दी गई है.
गेस्ट टीचरों को मिली जॉब की सुरक्षा
15 अगस्त 2024 तक 5 साल की सेवा पूरी कर चुके विस्तार प्राध्यापकों और अतिथि प्राध्यापकों को 58 साल तक उम्र तक नहीं हटाया जा सकेगा। हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से सरकार की ओर से घोषित मंहगाई भत्ते (DA) के अनुसार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी होगी। उन्हें हर महीने में 57 हजार 700 रुपये की सैलरी मिलेगी।
चिरायु योजना के तहत, हर साल पांच लाख रुपये तक फ्री उपचार, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ और एक्सग्रेसिया का लाभ भी इन विस्तार प्राध्यापकों और अतिथि प्राध्यापकों को दिया जाएगा।
अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी दी जाए सेवा सुरक्षा
यूनिवर्सिटी में कार्य कर रहें 1443 अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की नौकरी सुरक्षित करने के लिए विधानसभा के बजट सत्र में सरकार विधेयक पेश कर सकती है। हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक का कहना है कि कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर ने सेवा सुरक्षा का नोटिफिकेशन जारी करने का स्वागत किया है।
इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि मंत्रिपरिषद की बैठक या अगले विधानसभा सत्र में विश्वविद्यालय के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।