Chintels Paradiso हादसा मामले में हुई पहली गिरफ्तारी
Gurugram News Network – फरवरी के महीने में सेक्टर 109 की चिंटल पैराडिसो सोसाइटी में हुए हादसे के बाद मामले में जांच कर रही है गुरुग्राम पुलिस की एसआईटी ने 10 महीने बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया है । गुरुग्राम पुलिस ने बुधवार को एक 40 वर्षीय ठेकेदार को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर सेक्टर 109 में चिंटेल पैराडिसो कॉन्डोमिनियम में छठी मंजिल के अपार्टमेंट में मरम्मत का काम कर रहा था, जहां छठे फ्लोरी की छत गिरने की वजह से नीचे तक सभी फ्लोर की छत एक के बाद एक गिरती हुई चली गई और हादसे में दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई थी । गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने कहा कि इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है । चिंटल पैराडिसो सोसाइटी हादसे में गिरफ्तार आरोपी की पहचान राज निवास रोड, सिविल लाइंस, दिल्ली निवासी अमित ऑस्टिन के रूप में हुई है ।
आयुक्त ने कहा कि ऑस्टिन मनीष स्विचगियर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है, जो एजेंसी चिंटेल्स पैराडिसो कॉन्डोमिनियम में मरम्मत कार्य में लगी हुई थी । उसे बुधवार को बजघेड़ा से गिरफ्तार किया गया था और गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा । इससे पहले ऑस्टिन को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन वह पुलिस के सामने पेश नहीं हुए ।
रामचंद्रन ने कहा कि मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है। उन्होंने कहा, “अपार्टमेंट के ढहने के समय टाइल लगाने का काम ठेकेदार की टीम द्वारा बिना किसी सुरक्षा उपाय के किया गया था।” चिंटल पैराडिसो के अधिकारियों ने बुधवार को इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की । इससे पहले, फर्म ने कहा था कि वह एजेंसियों को उनकी जांच में अपना पूरा सहयोग दे रही है ।
Chintels Paradiso Society में हादसा होने के बाद इसी सोसाइटी के निवासी राजेश भारद्वाज की शिकायत पर गुरुग्राम पुलिस ने केस दर्ज किया जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया लेकिन एसआईटी ने दस महीने की लंबी जांच के बाद मामले में पहली गिरफ्तारी की है । शिकायतकर्ता राजेश भारद्वाज की पत्नि एकता भारद्वाज की इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई थी ।
हादसा होने के बाद दिल्ली आईआईटी से इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट भी कराया गया जिसकी रिपोर्ट पिछले महीने मीडिया के साथ साझा करते हुए गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि चिंटल पैराडिसो सोसाइटी के टॉवर डी को नोएडा के ट्विन टॉवर की तर्ज पर ध्वस्त किया जाएगा क्योंकि इसकी जांच में खुलासा हुआ है कि इमारत के अंदर क्लोराइड कंटेट की मात्रा बेहद अधिक है जिसकी वजह से इमारत की मरम्मत करना संभव नहीं है । इसीलिए टॉवर डी को गिराया जाएगा लेकिन उससे पहले निवेशकों को उनका मुआवजा बिल्डर द्वारा दिया जाएगा ।