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दस अवैध कॉलोनियों पर चला DTP का बुलडोजर, चार गांव में हुई कार्रवाई 

डीटीपीई कार्यालय का तोड़फोड़ दस्ता सबसे पहले गांव महेंद्रवाड़ा में पहुंच गया। इस गांव में करीब साढ़े चार एकड़ में दो कॉलोनियां काटी जा रही थी। तोड़फोड़ दस्ते ने एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस को सबसे पहले बुलडोजर से तोड़ा। सात मकान को तैयार करने के लिए बनाई गई चारदीवारी को मलबे में मिला दिया। रोड नेटवर्क को उखाड़ दिया। इसके बाद तोड़फोड़ दस्ता गांव खेड़ला में पहुंच गया। 

 
Gurugram News Network -  DTP ने सोहना ब्लॉक के चार गांव में अवैध रूप से विकसित हो रही दस कॉलोनियों में बुलडोजर चलाकर भू-माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की।  तोड़फोड़ अभियान के दौरान हलका विरोध हुआ, लेकिन पुलिस बल ने विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ दिया। कॉलोनियां करीब 26.5 एकड़ में विकसित हो रही थी। प्रॉपर्टी माफियाओं की पहचान करके उनके और जमींदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। इन कॉलोनियों में खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध को लेकर तहसीलदार को पत्र लिखा जाएगा।

डीटीपीई कार्यालय का तोड़फोड़ दस्ता सबसे पहले गांव महेंद्रवाड़ा में पहुंच गया। इस गांव में करीब साढ़े चार एकड़ में दो कॉलोनियां काटी जा रही थी। तोड़फोड़ दस्ते ने एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस को सबसे पहले बुलडोजर से तोड़ा। सात मकान को तैयार करने के लिए बनाई गई चारदीवारी को मलबे में मिला दिया। रोड नेटवर्क को उखाड़ दिया। इसके बाद तोड़फोड़ दस्ता गांव खेड़ला में पहुंच गया। 

गांव में करीब चार एकड़ में एक कॉलोनी विकसित हो रही थी। प्रॉपर्टी डीलर का कार्यालय बनकर तैयार हो चुका था, जिसे मलबे में मिलाया गया। इसके अलावा 20 मकान को बनाने के लिए की गई चारदीवारी को जमींदोज किया। सड़क को उखाड़ दिया।


तोड़फोड़ दस्ता गांव अलीपुर में पहुंच गया। इस गांव में करीब आठ एकड़ में तीन कॉलोनियां काटी जा रही थी। एक निर्माणाधीन मकान को मलबे में मिला दिया। इसके अलावा 27 मकान तैयार करने के लिए डाली गई डीपीसी को उखाड़ दिया। रोड नेटवर्क को मलबे में मिला दिया। इसके पश्चात तोड़फोड़ दस्ता भौंडसी स्थित मारुति कुंज में पहुंच गया। करीब 10 एकड़ में नई कॉलोनी काटी जा रही थी। तीन निर्माणाधीन मकानों को मलबे में मिला दिया। 60 मकानों को तैयार करने के लिए डाली गई डीपीसी को उखाड़ दिया। 

डीटीपीई अमित मधोलिया ने कहा कि अवैध रूप से किसी भी कॉलोनी को पनपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह विकसित हो रही कॉलोनियों में अपनी जिंदगी की जमापूंजी नहीं लगाएं। इसमें निर्मित मकान को कभी भी तोड़ा जा सकता है।
 

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