कब्रिस्तान में जुमे की नमाज़ के खिलाफ़ मुस्लिमों ने DC को सौंपा ज्ञापन
Gurugram News Network – गुरुग्राम में खुले में नमाज़ पढने के मुद्दे में रोजाना नए मोड़ आ रहे हैं । एक तरफ गुरुग्राम इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति द्वारा 18 जगहों पर नमाज़ पढने को लेकर सहमति बन गई है तो दूसरे मुस्लिम संगठन इसको लेकर नाखुश हैं कि नमाज़ पढने के लिए ये जगह काफी नहीं है । गुरुग्राम इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति द्वारा तय की गई 18 जगहों में से 12 जगहें मस्जिदें और ईदगाह हैं । लेकिन अब इस पर भी विवाद शुरु हो गया है ।
दोनों संगठनों द्वारा तय की गई 12 मस्जिदों और ईदगाह में बादशाहपुर कस्बे के कब्रिस्तान को भी शामिल कर दिया गया जिसको लेकर बादशाहपुर कस्बे के मुस्लिम समुदाय से जुडे लोग भी अब डीसी से मिले और ज्ञापन सौंपा कि कब्रिस्तान में नमाज़ नहीं पढी जा सकती है । दरअसल कुछ दिनों पहले गुरुग्राम इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति द्वारा तय की गई जगहों में बादशाहपुर के कब्रिस्तान को ईदगाह बता दिया गया जिसके बाद विवाद शुरु हो गया है ।
बुधवार को बादशाहपुर के रहने वाले स्थानीय मुस्लिम ग्रामीणों ने ये विरोध दर्ज कराया कि समिति द्वारा इस जगह को बिना जांच के ही जुमे की नमाज़ के लिए चयनित जगहों में शामिल कर लिया क्योंकि कब्रिस्तान में केवल जनाजे की नमाज़ ही पढी जा सकती है और कोई नमाज़ नहीं पढी जा सकती । इसी को लेकर स्थानीय मुस्लिम लोगों ने गुरुग्राम के डीसी यश गर्ग को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि इस जगह पर जुमे की नमाज की अनुमति ना दी जाए ।
आपको बता दें कि बादशाहपुर मे दरबारीपुर रोड़ पर स्थानीय मुस्लिमों का कब्रिस्तान है जिसकी कुछ समय पहले गुरुग्राम नगर निगम ने बाउंड्री कराई थी । लेकिन गुरुग्राम इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति की बैठक में इसे ईदगाह के तौर पर चयनित कर लिया गया इसी को लेकर अब स्थानीय मुस्लिमों ने साफ कर दिया है कि हमारे कब्रिस्तान में जुमे की नमाज नहीं पढी जा सकती है ।
इस ज्ञापन पर बादशाहपुर के वार्ड नंबर 25 से निगम पार्षद सुभाष फौजी ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार की है कि ये केवल कब्रिस्तान ही है यहां पर कोई ईदगाह नहीं है इसीलिए जिला प्रशासन यहां पर नमाज़ पढने के फैसले पर पुर्नविचार करे । स्थानीय मुस्लिमों के साथ इलाके के हिंदू धर्म के लोग भी डीसी ऑफिस पहुंचे । जिन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि गांव के कब्रिस्तान में जुमे की नमाज नहीं होनी चाहिए ।
इस मामले में गुरुग्राम के डीसी यश गर्ग ने कहा कि अधिकारियों द्वारा कब्रिस्तान का निरीक्षण कराया जाएगा अगर सारी जमीन पर कब्रिस्तान है तो यहां पर जुमे की नमाज की इजाजत नहीं दी जाएगी । इस ज्ञापन की एक एक प्रतिलिपि गुरुग्राम इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के सदस्यों को भी दी गई है और उनसे आग्रह किया गया है कि गांव के कब्रिस्तान को जुमे की नमाज़ के लिए तय जगहों में से हटवाया जाए ।