ई-रिक्शा और ऑटो ने थाम दी शहर की रफ़्तार, पुलिस हुई बेबस
Gurugram News Network- शहर की लाइफ लाइन बन चुके ऑटो व ई-रिक्शा अब शहर में जाम का कारण बन गए हैं। सबसे व्यस्त रोड अग्रसेन चौक से न्यू रेलवे रोड के तांगा स्टैंड तक करीब 250 मीटर तक ई-रिक्शा व ऑटो चालकों के आतंक के सामने पुलिस भी बेबस हो चुकी है। ई-रिक्शा व ऑटो के कारण लगने वाला जाम चंद मिनटों में ही एक किलोमीटर से लंबा हो जाता है। हैरत की बात यह है कि अग्रसेन चौक पर हर वक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं, लेकिन वह खानापूर्ति करते नजर आते हैं।
दरअसल, सदर बाजार से निकलने वाले लोग अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए बस अड्डे तथा तांगा स्टैंड की तरफ जाते हैं। ऐसे में एक दूसरे से पहले सवारी बैठाने के चक्कर में यह ई-रिक्शा व ऑटो चालक बीच सड़क पर ही खड़े हो जाते हैं। दिन में हालात यह हो जाते हैं कि पैदल चलने वाले लोगों को भी ई-रिक्शा व ऑटो वालों को हटवाना पड़ता है। यहां मौजूद पुलिसकर्मी व होमगार्ड भी उस वक्त सक्रिय होते हैं जब कोई अधिकारी ने उस तरफ से गुजरना हो। शाम को पीक ऑवर्स के वक्त कुछ देर के लिए उन्हें मौके से हटाने की नाकाम कोशिश की जाती है।
स्थानी दुकानदारों ने बताया कि यदि कोई ग्राहक उनकी दुकान में आना भी चाहे तो उन्हें पहले ई-रिक्शा व ऑटो को हटवाना पड़ता है। यहां हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है। सबसे अधिक दिक्कत तो उस वक्त होती है जब यहां से बस गुजरती है और उसे यह ई-रिक्शा व ऑटो चालक रास्ता तक नहीं देते हैं। मजबूरन बस को भी इस 250 मीटर की दूरी तक रेंगना पडता है। ऐसे में यह 20 से 25 मिनट में यहां वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।
बता दें कि सबसे व्यस्त रोड होने के कारण GMDA ने इस रोड को चौड़ा करने की योजना बनाई थी, लेकिन अग्रसेन चौक के पास जमीन विवाद होने के कारण इसे सिरे नहीं चढ़ाया जा सका था। जाम से निजात दिलाने के लिए कुछ समय तक ट्रैफिक पुलिस ने सेक्टर-4/7 चौक से बस अड्डे तक सख्ती की थी। यहां बीच सड़क ऑटो व ई-रिक्शा को रोकने वालों से सख्ती से निपटना शुरू किया था जिसके बाद यहां जाम की समस्या से निजात मिल गया था, लेकिन अब पुलिस ने अपनी ढीली कार्यशैली अपना ली है जिसके बाद एक बार फिर यहां लगने वाला जाम शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है।
वहीं, इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर कालीराम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि संबंधित जेडओ को निर्देश दिए गए हैं कि वह जाम लगाने वालों पर कार्रवाई करें।