दिल्ली से जयपुर अब बसों फ्री में होगा सफर – Gurugram News Network
Gurugram News Network – दिल्ली से जयपुर के बीच बसों में सफर करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है । अब आप सप्ताह में दो दिन दिल्ली जयपुर के बीच बस में फ्री में सफर कर सकते हैं । एक नए ट्रायल के दौरान आपको ये मौका दिया जा रहा है । दरअसल नेशनल हाइवे ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल यानि कि NHEV ने ई हाइवे का ट्रायल शुरु कर दिया है जिसके तहत दिल्ली से जयपुर के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों में सप्ताह में दो दिन फ्री में सफर करने का मौका है । सप्ताह के एक दिन शुक्रवार को गुरुग्राम से जयपुर की तरफ और शनिवार को जयपुर से गुरुग्राम की ओर चलने वाली ईलेक्ट्रिक बसों में फ्री सफर किया जा सकता है।
इस फ्री सेवा का लाभ उठाने के लिए आपको NHEV.in पोर्टल पर जाकर खुद को रजिस्टर करना होगा और अपने के लिए सीट बुक करनी होगी । गुरुग्राम के इफकौ चौक और राजीव चौक से आपको ये बस सेवा मिलेगी । ये फ्री सेवा का ट्रायल आने वाली 8 अक्टूबर तक जारी रहेगा । ट्रायल पार्टनर के तौर पर दिल्ली आईआईटी की दिल्ली रिसर्च एम्पलेमेंटेशन एंड एनोवेशन यानि कि DRIIV विंग ने भी अपनी चार इलेक्ट्रिक बसें इस ट्रायल में शुरु की हैं । ये विंग इलेक्ट्रिक हाइवे के परिचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी ।
दरअसल भारत सरकार दिल्ली जयपुर को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे नंबर 48 को देश के पहले इलेक्ट्रिक हाइवे के तौर पर बनाना चाहती है । इसी कड़ी में इस हाइवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलने वाली सुविधाओं का ट्रायल किया जा रहा है । जिसमें मसलन वाहन में कोई खराबी होने पर सहायता कितनी देर में पहुंचती है , इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट आदि शामिल है । दरअसल इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने का मुख्य मकसद प्रदूषण को कम करना है और साथ साथ इलेक्ट्रिक हाइवे पर सफर के दौरान आने वाली लागत में भी कमी लाना एक लक्ष्य है । ट्रायल के दौरान इस हाइवे पर इलेक्ट्रिक टैक्सी भी चलाई जा रही हैं । जिनका किराया 3,500 रुपए से 4,000 रुपए के बीच रखा गया है । जो कि डीज़ल या पेट्रोल की टैक्सी से 30 से 50 फीसदी कम हैं ।
इस ट्रायल के दौरान लगभग 25 इलेक्ट्रिक बसें और 100 इलेक्ट्रिक टैक्सी चलाई जा रही है । एक महीने के ट्रायल में जो कमियां पाई जाएंगी उसके आधार पर उनमें सुधार किया जाएगा । ताकि इस हाइवे को पूर्ण रुप से इलेक्ट्रिक हाइवे बनाया जा सके हैं । अगर ऐसा होता है तो दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए ये एक मील का पत्थर साबित होगा ।