Gurugram News Network – चेक बाउंस के मामले की सुनवाई करते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सीमा की अदालत ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी डॉक्टर को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत एक अप्रैल को सजा पर अपना फैसला सुनाएगी।
पीड़िता प्रीति यादव की अधिवक्ता डॉ. अंजू रावत नेगी ने बताया कि गुरुग्राम के डाॅ राजवीर ने फरवरी 2016 में प्रीति से अपने बच्चों की मेडिकल की पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपए उधार लिए थे। यह रकम वापस करने के लिए उन्होंने 10 लाख रुपए का चेक प्रीति को दे दिया था। रुपए वापस लेने के लिए जब प्रीति ने यह चेक निर्धारित तिथि पर अपने बैंक अकाउंट में जमा कराया तो वह बाउंस हो गया। प्रीति ने इसकी शिकायत डॉ. राजवीर से भी की, लेकिन डॉ राजवीर ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिस पर पीड़िता को अदालत की शरण लेनी पड़ी।
अदालत में चेक बाउंस मामले में सुनवाई चली। अदालत में उसके द्वारा जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे चेक बाउंस के आरोप सिद्ध हो गए जिसके बाद अदालत ने आरोपी डॉ राजवीर को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत एक अप्रैल को सजा पर अपना फैसला सुनाएगी। अधिवक्ता का कहना है कि चेक बाउंस के एक अन्य मामले में ही गत सप्ताह भी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विवेक सिंह की अदालत ने डाॅ राजवीर को दोषी ठहराते हुए 6 माह कैद व 15 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।