Gurugram News Network – बिजली बिल सेटलमेंट कराने के नाम पर एक लाख 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले लाइनमैन को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंघल की अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत लाइनमैन को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने का भुगतान न करने पर उसे एक महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, खलीलपुर के रहने वाले विवेक ने बताया कि वह फिलहाल भिवाड़ी में रह रहे हैं। उन्होंने सनसिटी सेक्टर-54 जी ब्लॉक में ध्रुव कटारिया का मकान पीजी चलाने के लिए किराए पर लिया था। नवंबर 2019 व दिसंबर 2019 में उनका बिजली का बिल 2 लाख रुपए से ज्यादा आया था जिस पर उन्होंने बिल नहीं भरा और बिजली निगम द्वारा 10 जनवरी 2020 को उनका मीटर उतार लिया। इसके बाद वह बिजली बिल भरने के लिए एसडीओ साउथ सिटी कार्यालय गए।
यहां उन्हें पवन प्रधान नामक लाइनमैन मिला जिसने कहा कि वह उनका बिजली का बिल कम कराकर सेटलमेंट करा देगा। इसके लिए उनसे डेढ़ लाख रुपए मांगे। मोलभाव करने पर उसने 1 लाख 20 हजार रुपए मांगे। इस पर उन्होंने पवन को 90 हजार रुपए दे दिए और 30 हजार रुपए बाद में देने के लिए कहा। इसकी उसने कोई रसीद नहीं दी और न ही उसका कोई मीटर लगवाया। रुपए लेने के बाद वह बहानेबाजी करने लगा और एसडीओ के कार्यालय न आने का बहाना करने लगा। सात महीने बीतने के बाद भी उसने मीटर नहीं लगवाया। कुछ दिन टालने के बाद उसने लाइनमैन जय प्रकाश को भेजकर बिजली की डायरेक्ट लाइन जोड़ दी गई।
कई बार कहने के बाद भी न तो उनके रुपए वापस लौटाए और न ही मीटर लगवाया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच करते हुए आरोपी पवन को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए उनसे आरोपी पर लगे आरोप साबित हो गए। अदालत ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत उसे दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर उसे एक महीने अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।