1894 करोड़ रुपए से गुरुग्राम के इन क्षेत्रों में होगा विकास, सीएम ने दी मंजूरी
Gurugram News Network – वित्त वर्ष 2022-23 में शहर के विकास के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) लगभग 1894 करोड खर्च करेगा। जीएमडीए के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने यह मंजूरी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जीएमडीए की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी है। बैठक में मुख्य रूप से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने, नागरिक सेवाओं को बढ़ाने तथा बेहतर पर्यावरण में योगदान देने के लिए डिजाइन की गई प्रमुख परियोजनाओं सहित कई अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा पिछली बैठक की कार्यवाही के साथ वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह शहरी विकास एवं आवास मंत्री डॉ कमल गुप्ता, विधायक राकेश दौलताबाद ,संजय सिंह तथा सत्यप्रकाश जरावता सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
1894 करोड़ रुपए के बजट प्रस्ताव को दी गई मंजूरी
जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने बैठक में जीएमडीए का वर्ष-2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव भी रखा। इसमें बताया गया कि उक्त अवधि में जीएमडीए को सैस व चार्जिज जिसमें पानी के बिल व वाटर टैंक चार्जिज, ताउ देवीलाल स्टेडियम की बुकिंग, ट्रेफिक मैनेजमेंट, स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत हिस्सेदारी तथा ईडीसी से लगभग 1265 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। इस अवधि में जीएमडीए द्वारा 1893.86 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव रखा है जिसमें से 402.46 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, 153.95 करोड़ रुपए मोबिलिटी पर, 32.72 करोड़ रुपए शहरी र्प्यावरण, 173.50 करोड़ रुपए सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर, जीआईएम इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 17 करोड़ रुपए, जलापूर्ति, सीवरेज आदि के आप्रेशन एंड मैनटेनेंस पर 465.74 करोड़ रुपए, सड़क पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ग्रीन बैल्ट व पार्क आदि पर कैपिटल एक्सपेंडिचर 537.21 करोड़ रुपए के खर्च का प्रस्ताव किया है। इस प्रकार, वित वर्ष 2022-23 के बजट में 628.77 करोड़ रुपए की कमी दिखाई देती है जो सरकार से ग्रांट तथा जीएमडीए के कॉरपस फंड से पूरा किया जाएगा।
द्वारका एक्सप्रैस वे के दोनो तरफ 7.5 मीटर चौड़ी सर्विस रोड़ बनाई जाएगी
बैठक में द्वारका एक्सप्रेस वे के दोनो तरफ 7.5 मीटर चौड़ी सर्विस रोड़ बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इस बारे में निर्णय अथोरिटी की 7वीं बैठक में लिया गया था। प्रस्तावित सर्विस रोड़ के साथ सरफेस ड्रेन तथा स्ट्रीट लाइट का भी प्रावधान होगा। एक तरफ की सर्विस रोड़ की लंबाई लगभग 15.30 किलोमीटर होगी। इस परियोजना पर 119.15 करोड़ रुपए अनुमानत खर्च आएगा। परियोजना सीपीआर व एनपीआर के मिलने के स्थान से शुरू होगी और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक बनाई जाएगी।
एसपीआर को किया जाएगा अपग्रेड
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गांव घाटा से लेकर वाटिका चौक होते हुए एनएच-48 तक की सदर्न पैरिफेरियल रोड़ को अपग्रेड करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस सड़क पर 8 फलाईओवर तथा 6 लेन का कैरेज-वे व 6 लेन की सर्विस रोड़ बनाने का प्रस्ताव है।
स्मार्ट सिटी के दूसरे चरण में लगाए जाएंगे 258 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे
बैठक में जीएमडीए द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाने के दूसरे चरण की शुरुआत को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने बताया कि जिला में प्रथम चरण में 214 स्थानों पर 1160 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिन्हें इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है। दूसरे चरण में जीएमडीए द्वारा पुलिस विभाग के साथ तालमेल स्थापित करते हुए 258 स्थानों की पहचान की गई है जिन पर 2722 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की आवश्यकता है। इन स्थानों पर पहले की अपेक्षा उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि अपराधियों की पहचान करने के साथ-साथ यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए केप्टिव ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का लगभग 300 किलोमीटर विस्तार करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी माह से लेकर मई तक इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 216771 लोगों को ई- चालान भेजा गया। पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने बैठक में बताया कि इस वर्ष मई माह तक 13 करोड़ रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूली गई है। इसके अलावा, इन कैमरों की मदद से इस वर्ष जनवरी से लेकर मई माह तक 1640 चोरी किए हुए वाहन ट्रेस किए गए हैं। सीएम ने कहा कि भविष्य में गुरुग्राम में चालान से जो राजस्व एकत्रित होगा उसका आधा भाग सड़क सुरक्षा तथा बाकि आधा भाग क्राइम कंट्रोल पर खर्च होगा।
गुरुग्राम से पानी निकासी की लैग-2 व लैग-3 को नजफगढ ड्रेन से जोड़ा जाएगा
बैठक में मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम से पानी निकासी की लैग-2 व लैग-3 को नजफगढ ड्रेन से जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि नजफगढ़ ड्रेन के साथ लगती हजारों एकड़ भूमि को जलभराव से रोकने के लिए वहां पर झील बनाने का प्रस्ताव है। इस झील के साथ में एक एसटीपी भी बनाया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली के हिस्से में वहां की सरकार द्वारा नजफगढ़ ड्रेन की गाद निकालने का निर्णय लिया गया है जिससे प्राकृतिक रूप से पानी का बहाव तेज हो जाएगा और हमारे यहां जलभराव की समस्या का निदान होगा।
चंदू में 100 तथा बसई में 90 एमएलडी का बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
भविष्य की जलापूर्ति की मांग को देखते हुए वहां 90 एमएलडी क्षमता का एक और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बसई में स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, गांव चंदू में 100 एमएलडी क्षमता के एक अतिरिक्त वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को भी बैठक में मंजूरी दी गई। इन दोनो ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना पर 295 करोड़ रुपए की अनुमानत राशि खर्च होगी और यह कार्य 3 साल में पूरा होगा।
बहरामपुर तथा नौरंगपुर मे लगाए जाएंगे एसटीपी
सेक्टर 58 से लेकर 76 तक के लिए 100 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बहरामपुर में लगाने और सेक्टर-77 से 80 में 12 किलोमीटर लंबाई की मास्टर सीवर लाइन बिछाने के साथ गांव नौरंगपुर में 40 एमएलडी का एसटीपी प्लांट लगाने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा, सेक्टर-104 से 115 में 26 किलोमीटर की मास्टर सीवर लाइन बिछाने को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने सीवरेज के ट्रीटेड पानी के पुनः उपयोग पर जोर दिया और कहा कि पानी की किल्लत को देखते हुए विश्व भर में अब सीवरेज के शोधित पानी का दोबारा उपयोग करने को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बरसाती पानी को रोकने पर भी बल दिया और कहा कि इस पानी का उपयोग भूमिगत जल को रिचार्ज करने की कोशिश करें।
सेंट्रलाइज्ड इंटीग्रेटेड वाटर मैनेजमेंट सिस्टम होगा लागू
बैठक में गुरूग्राम के सेक्टर-68 से 80, सेक्टर-37सी व 37डी और सेक्टर-112 से 115 में बरसाती पानी निकासी के लिए मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज नेटवर्क बिछाने की परियोजना पर विचार विमर्श करते हुए स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना के लिए 124.70 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की गई। यही नहीं, बैठक में स्मार्ट सिटी पहल के अंतर्गत सेंट्रलाइज्ड इंटीग्रेटिड वाटर मैनेजमेंट सिस्टम परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर सहमति जताई गई। इस परियोजना पर लगभग 18 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लिए जून-2020 में एक पॉयलेट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था जिसके तहत 31 अंडरग्राउंड वाटर टैंक और बसई के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा डूंडाहेड़ा के बीच वर्तमान में बिछी हुई 1200 एमएम पाइपलाइन पर 8 सीधी पाइपलाइन जोड़ी गई। यह पायलेट प्रोजेक्ट दिसंबर-2021 में पूरा हो गया और इसके उत्साहवर्धक परिणाम आए। उपभोक्ताओं से भी सकारात्मक फीडबैक मिली। जलमित्र एप के माध्यम से 39 स्थानों पर जलापूर्ति की मॉनिटरिंग की गई। अब नए प्रस्ताव के अंतर्गत चंदू बुढेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को सेक्टर-5 तक 900 एमएम पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा जिसमें सेक्टर-9, 9ए, 7, 4 12, न्यू कॉलोनी आदि में 92 अंडरग्राउंड टैंक कवर होंगे। इसके अलावा, बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को सेक्टर-16 के बूस्टिंग स्टेशन और सेक्टर-17 , 18, 19, 24, 25, 25ए, 26, 26ए, 27, 28, 29, 30, 32, 39, 43, 45 को 1300 एमएम पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा जिसमें 237 अंडरग्राउंड टैंक भी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता की भी मॉनिटरिंग की जाएगी।