Gurugram News Network – नगर निगम गुरुग्राम (MCG) के ठेकेदार के खिलाफ सदर थाना पुलिस ने JMIC संजीता सिंह की कोर्ट के आदेश के बाद IPC 420, 406, 120B के तहत केस दर्ज किया है। आरोप है कि ठेकेदार ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर का ठेका लेते वक्त फर्जी दस्तावेज लगाए थे। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) द्वारा इस संदर्भ में कई बार निगम अधिकारियों को शिकायत दी गई थी। साथ ही यह भी बताया गया था कि नियमों को ताक पर रखकर यह टेंडर जारी किया गया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस मामले में MCG के कई अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना तय है। एंटी करप्शन ब्यूरो को भी इस बारे में शिकायत दी गई है जिस पर मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी जल्द ही विभागीय जांच शुरू हो जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, JMIC संजीता सिंह की अदालत से आदेश प्राप्त होने के बाद यह केस दर्ज किया गया है। अदालत में सेक्टर-56 की रहने वाली चेतना जोशी ने बताया था कि गांव बसई में स्थित ABC सेंटर में कई प्रकार की अनियमितताएं पाई गई थी जिसके बाद तत्कालीन निगम कमिश्नर ने इस सेंटर को बंद कर दिया था। इसके बाद AWBI द्वारा नगर निगम अधिकारियों को कुछ गाइडलाइन उपलब्ध कराई गई थी जिसके तहत ABC सेंटर का नया टेंडर जारी किया जाना था। आरोप है कि वर्ष 2020 में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा इन गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए ऐसे व्यक्ति को टेंडर जारी कर दिया जिसके पास कोई एक्सपीरियंस ही नहीं था।
शिकायतकर्ता चेतना जोशी ने बताया कि जब उन्होंने नगर निगम द्वारा जारी किए गए टेंडर के बारे में पता लगाया और टेंडर प्राप्त करने वाले जीव दया वेलफेयर सोसाइटी के बारे में पता लगाया तो पाया कि सोसाइटी के डॉ सुनील धनखड़ द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह टेंडर प्राप्त किया गया है। इस पर उन्होंने नगर निगम कमिश्नर को भी शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगस्त 2020 में AWBI द्वारा ABC सेंटर में औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान AWBI ने बोर्ड के सचिव डॉ सुजीत दत्ता, गौरी व अंजलि गोपालन को मौके पर जांच के लिए भेजा। इस दौरान सेंटर में भारी अनियमितताएं पाई गई जिसके बाद उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को भेजने के साथ ही नगर निगम कमिश्नर को भी कार्रवाई के लिए सिफारिश की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई को लेकर उन्होंने कई बार आरटीआई भी दाखिल की, लेकिन आरटीआई का भी जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद उन्होंने अदालत में याचिका दायर की। अब अदालत के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।