एनजीटी के आदेश नहीं मानने पर जीएमडीए के अधिकारियों को मांगनी पड़ी माफी
छह महीने में मंजूर योजना के तहत जोहड़ को विकसित करने के दिए आदेश
Gurugram News Network- गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को दरकिनार कर सेक्टर-41 में जोहड़ को विकसित कर दिया।सुनवाई के दौरान एनजीटी के न्यायाधीश भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि यह मनमानी एनजीटी आदेश का उल्लंघन है। इस उल्लंघन पर दोषी अधिकारियों को जेल भेजा जा सकता है।
न्यायाधीश की नाराजगी को देखते हुए इन दोनों विभागों के अधिकारियों ने तुरंत माफी मांग ली। न्यायाधीश ने माफी को स्वीकार करते हुए आदेश जारी किए कि मंजूर योजना के तहत इस जोहड़ को छह महीने के अंदर विकसित करने का समय दिया है। 20 नवंबर तक दोनों विभागों को एनजीटी में जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर तय की गई है।
तीन मई को एनजीटी के न्यायाधीश अरुण कुमार त्यागी और सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने सेक्टर-41(गांव सिलोखरा) में जोहड़ को मिट्टी से भरने की याचिका पर सुनवाई की। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए.श्रीनिवास, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुभाष यादव, सहित अन्य अधिकारी विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
न्यायाधीश ने सुनवाई शुरू होने के साथ नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पिछले साल 17 मार्च को सुनवाई के दौरान स्पष्ट आदेश जारी किए थे कि इस जोहड़ को किस तरह विकसित किया जाना है, लेकिन जीएमडीए ने मनमानी करते हुए इस योजना में बदलाव कर दिया। एनजीटी की बिना मंजूरी के सीएसआर के तहत इस काम को किसी एनजीओ को करने के लिए सौंप दिया। जितने इलाके में जोहड़ को विकसित करने के आदेश जारी किए थे, उससे कम में विकसित किया।
न्यायाधीश ने अधिकारियों से कहा कि एनजीटी आदेश की पालना नहीं हुई है। आदेश के उल्लंघन पर एनजीटी अधिनियम, 2010 में सजा का प्रावधान है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस मनमानी पर उनके खिलाफ एनजीटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। न्यायाधीश की बात सुनकर अधिकारियों ने तुरंत माफी मांग ली। न्यायाधीश ने चेतावनी दी कि छह महीने के अंदर जारी आदेश के मुताबिक इस जोहड़ को विकसित किया जाए। सीएसआर के तहत कार्य को करवाने के लिए एनजीटी ने मंजूरी प्रदान कर दी है।