Delhi NCR में फिर से GRAP 3 लागू, डीज़ल और पेट्रोल की गाड़ियों पर लगी
दिल्ली एनसीआर में लगातार बढते हुए प्रदूषण की वजह से दिल्ली एनसीआर में फिर से ग्रैप 3 के नियम लागू कर दिए गए हैं ।
Gurugram News Network – शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गम्भीर’ श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका के चलते गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है ताकि वायु गुणवत्ता का स्तर और खराब न हो । वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया है । इसके तहत पहले व दूसरे चरण में लागू प्रतिबंधों के साथ ही तीसरे चरण के प्रतिबंध भी प्रभावी कर दिए गए हैं ।
GRAP 3 के लागू होते ही दिल्ली एनसीआर में डीज़ल की BS4 और पेट्रोल की BS3 गाड़ियों पर भी रोक लगा दी गई है । अब दिल्ली एनसीआर में इन मॉडल की गाड़ियां चलाने पर रोक रहेगी अगर कोई गाड़ी इस मॉडल की पकड़ी जाती है तो उस पर भारी भरकर जुर्माना लगाया जाएगा । ग्रैप के तीसरे चरण के तहत निर्माण तथा तोड़फोड़ गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं । इन प्रतिबंधों में कुछ श्रेणियों के प्रोजेक्टों को छूट भी दी गई है जिनमें रेलवे सेवाएं व रेलवे स्टेशन, सहित मेट्रो रेल सेवाएं, एयरपोर्ट तथा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, राष्ट्रीय सुरक्षा व डिफेंस संबंधी गतिविधियां अथवा राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट, अस्पताल अथवा हेल्थ केयर सुविधाएं तथा रेखांकित जन सुविधा वाले प्रोजेक्ट जैसे कि राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़कें,फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन इत्यादि शामिल हैं। इनके अलावा, स्वच्छता संबंधी परियोजनाएं जैसे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा जलापूर्ति परियोजनाएं और उपरोक्त श्रेणियों की गतिविधियों से जुड़ी या उनकी पूरक परियोजनाओं को भी आदेशों में छूट दी गई है। यह छूट भी इस शर्त पर होगी कि संबंधित एजेंसियां सी एंड डी वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों, धूल पर नियंत्रण उपायों के साथ आयोग द्वारा समय-समय पर जारी की गई हिदायतों का सख्ती से पालन करेंगी।
ग्रैप के तीसरे चरण में एनसीआर क्षेत्र के लिए स्वीकृत ईंधन का प्रयोग नहीं करने वाले ईट भट्ठा तथा हॉट मिक्स प्लांट के संचालन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। इसी प्रकार, स्टोन क्रेशर बंद रखे जाएंगे और माइनिंग गतिविधियों पर भी रोक रहेगी। उपायुक्त ने बताया कि ग्रैप की तीसरी स्टेज के तहत संबंधित एजेंसियों को सड़कों पर मशीनी या वैक्यूम आधारित सफाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन एजेंसियों से कहा गया है कि धूल उड़ने से रोकने के लिए पीक हॉर्स से पहले ज्यादा यातायात वाली सड़कों पर प्रतिदिन के आधार पर पानी का छिड़काव हो और लैंडफिल वाले स्थलों पर धूल का निस्तारण सही तरीके से हो। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं बढ़ाई जाए।
इन गतिविधियों पर रहेगा बैन – अब खुदाई तथा बोरिंग या ड्रिलिंग संबंधी कार्यों सहित मिट्टी भराई कार्यों पर रोक रहेगी। इसी प्रकार सभी प्रकार के निर्माण कार्यों जिनमें फेब्रिकेशन और वेल्डिंग संचालन, तोड़फोड़ संबंधी कार्य, प्रोजेक्ट साइट के अंदर या बाहर से निर्माण सामग्री की लोडिंग या उतरना, फ्लाई ऐश सहित कच्चे माल का कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ट्रांसफर करना, कच्चे रास्तों पर वाहनों का आवागमन, बैचिंग प्लांट का संचालन, सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज तथा बिजली की केबल बिछाने के लिए खुदाई करने, टाइलों, पत्थरों तथा अन्य फर्श सामग्री की कटिंग व लगाने, ग्राइंडिंग गतिविधियों, वाटर प्रूफिंग कार्य, सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज की मरम्मत या निर्माण आदि कार्य प्रतिबंधित रहेंगे । निर्माण परियोजनाओं में भी ऐसी गतिविधियां जिन से प्रदूषण नहीं होता जैसे कि पलंबर का कार्य, इंटीरियर डेकोरेशन, बिजली फिटिंग या कार्पेंट्री संबंधी कार्यों के संचालन को जारी रखा जा सकता है ।
नागरिकों से प्रशासन ने की अपील
जिला प्रशासन ने प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सभी जिला वासियों से भी अपील की है कि वे ऐसे उपाय अपनाएं जिससे कि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। उदाहरण के तौर पर आवागमन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें या थोड़ी दूरी के लिए पैदल अथवा साइकिल और कार्यालय के लिए वाहन शेयर करें। जो लोग घर से काम कर सकते हैं वे वर्क फ्रॉम होम को अपनाएं। कोयले अथवा लकड़ी का प्रयोग न करें। एकल घरों के मालिक या ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लोग अपने सिक्योरिटी स्टाफ को सर्दियों में इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध करवाएं ताकि खुले में आग ना जलाएं।