Gurugram News Network – बंधवाड़ी स्थित कचरा निस्तारण प्लांट से रिसने वाले लीचेड को रोकने के लिए एनजीटी के सख्त तेवर देखने के बाद नगर निगम आयुक्त पीसी मीणा ने कचरा निस्तारण प्लांट का दौरा किया। वह यहां अधिकारियों के साथ दो घंटे से भी अधिक समय तक रहे। उन्होंने लीगेसी वेस्ट निष्पादन व लीचेट ट्रीटमेंट प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों तथा लीगेसी वेस्ट का निष्पादन करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निगमायुक्त ने कचरा निष्पादन के बाद बनने वाले आरडीएफ, इनर्ट तथा कंपोस्ट के बारे में अधिकारियों व एजेंसियों के प्रतिनिधियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आरडीएफ, इनर्ट तथा कम्पोस्ट का पर्याप्त तरीके से डिस्पोज ऑफ किया जाए। जिन स्थानों पर एजेंसियों द्वारा ये मैटेरियल भेजे जा रहे हैं, उनका अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण करें। इस कार्य में लगे सभी वाहनों में जीपीएस लगा होना चाहिए, जिसका लिंक गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि एजेंसियों की पेमेंट करते समय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट होना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि आरडीएफ सीधे सीमेंट फैक्ट्रियों को जाए। अगर किसी ट्रेडर्स के पास आरडीएफ भेजा जाता है तो वह मान्य नहीं होगा। निगमायुक्त ने वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट के लिए खाली की गई भूमि पर किसी भी प्रकार का मैटेरियल नहीं डालने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। निगमायुक्त ने लीगेसी वेस्ट का निष्पादन करने वाली एजेंसियों को अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य जारी रखने के निर्देश दिए।
निगमायुक्त ने बंधवाड़ी प्लांट में निकलने वाले लीचेट ट्रीटमेंट के लिए लगाए गए डीटीआरओ तथा प्लांट का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय-समय पर ट्रीटेड वाटर की जांच करवाते रहें। यहां पर 8000 क्यूबिक मीटर के एक लीचेट पोंड को मिट्टी से भर दिया गया है तथा इतनी की क्षमता के दूसरे पोंड को भी भरा जा रहा है। इसके साथ ही प्रतिदिन निकलने वाले लीचेट के निस्तारण के लिए 2 डीटीआरओ तथा एक लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त लीचेट को जीएमडीए के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में प्रतिदिन निस्तारण के लिए भेजा जा रहा है। निगमायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि अरावली क्षेत्र में किसी भी सूरत में लीचेट का रिसाव नही होना चाहिए। इसके लिए पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। इस मौके पर अतिरिक्त निगमायुक्त जयदीप कुमार, संयुक्त आयुक्त (एसबीएम) डा. नरेश कुमार, चीफ इंजीनियर राधेश्याम शर्मा, कार्यकारी अभियंता नरेन्द्र सुहाग व सहायक अभियंता आरके मोंगिया उपस्थित थे।