Gurugram News Network - यदि आपने अपनी कंपनी में कुछ कर्मचारियों को बैंक खाता ऑपरेट करने के लिए अथोराइज किया है तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि यह कर्मचारी आस्तीन के सांप बनकर कंपनी को ही खोखला कर रहे हों और कंपनी के कैश पर ऐश कर रहे हों। ऐसा ही एक मामला सेक्टर-10 थाना क्षेत्र में सामने आया है जहां कंपनी के दो कर्मचारियों को बैंक अकाउंट ऑपरेट करने की जिम्मेदारी देना कंपनी के डायरेक्टर को भारी पड़ गया। दोनों कर्मचारियों ने मिलकर न केवल कंपनी के चैक चोरी कर दिए बल्कि कंपनी से रिजाइन करने के बाद भी कंपनी के कैश पर ऐश कर रहे हैं।
पुलिस को दी शिकायत में दीप ने बताया कि वह एआईटीएमसी वेंचर कंपनी के डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी में जून-जुलाई 2022 में मनीष ठाकुर और संजीव सिन्हा दो कर्मचारियों ने जॉइन किया था। दोनों ही अकाउंट्स डिपार्टमेंट में नौकरी पर लगे थे। इनमें मनीष को कंपनी के लेनदेन की पेमेंट करने की जिम्मेदारी दी गई थी जबकि संजीव काे कर्मचारियों की पेमेंट व कुछ अन्य पेमेंट की जिम्मेदारी दी गई थी। दोनों ही कर्मचारियों को कुछ बैंक खातों का एक्सेस देते हुए ओटीपी फैसिलिटी उनके ही मोबाइल पर ट्रांसफर कर दी गई थी। पेमेंट करने के लिए इन्हें नोटिंग बनाकर दी जाती थी। इनके कार्यकाल के छह महीने पूरे होने के बाद उनके काम की ऑडिट करने के लिए निर्देश दिए गए थे और इनके कार्य का ऑडिट शुरू किया गया था।
उन्होंने बताया कि फरवरी महीने में मनीष को एक वेंडर की 8.51 लाख रुपए की पेमेंट करने के लिए कहा गया था। इस पेमेंट करने के बाद दोनों ने अचानक रिजाइन कर दिया और ऑफिस आना बंद कर दिया। बैंक अकाउंट में इन दोनों के ही एक्सेस होने के कारण कंपनी के सभी काम रुक गए। इन्हें एचआर विभाग द्वारा कई बार कंपनी में बुलाया गया, लेकिन यह लोग नहीं आए। बाद में उन्हें पता लगा कि आरोपियों द्वारा कुछ चेक भी कंपनी से चुराए गए हैं। जांच के दौरान उन्हें पता लगा कि आरोपियों द्वारा उनकी कंपनी से अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर करीब चार लाख रुपए का गबन किया गया है। इस पर उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।