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मुख्यमंत्री दरबार में गूंजेगा अधिकारियों की लापरवाही का मुद्दा

Gurugram News Network- शहर के विकास और शहर वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी घोर लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि बुधवार शाम 5 बजे सेक्टर-44 स्थित एपैरल हाउस के ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली जिला कष्ट निवारण समिति की  बैठक में अधिकारियों की लापरवाही का मुद्दा गूंजेगा। बैठक में मुख्यमंत्री के सामने 19 मुद्दे रखे जाएंगे। इसमें वह मुद्दे भी शामिल होंगे जिनके निवारण के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

 

अधिकारियों के मुताबिक, बैठक का एजेंडा तैयार कर जिला उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों से मंगलवार दोपहर बाद तक अपनी रिपोर्ट उनके कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करने को कहा है। एजेंडे में शामिल शिकायत में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राकेश बत्रा ने सेक्टर-37 के 13 साल से जाम सीवर की समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा है। रिटायर्ड IAS अधिकारी जी प्रसन्ना ने DLF फेज-3 की समस्या को CM के समक्ष रखा है। DLF फेज-3 को नगर निगम द्वारा टेकओवर किया जाना था। सेक्टर-9 ए निवासी कृष्ण कुमार ने बसई रोड से सेक्टर-9 ए तक ड्रेन बनाने में अधिकारियों द्वारा की जा रही लापरवाही को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 16 काॅलोनियों में लगाई गई नए कनेक्शन देने पर पाबंदी के मुद्दे को भी मुख्यमंत्री के समक्ष उजागर किया गया है। गांव धनकोट के खेतों में पानी भरने की समस्या को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हुए यहां ड्रेन बनाने की मांग की है। ये सभी वह मुद्दे हैं जिन्हें पहले भी मुख्यमंत्री की कष्ट निवारण समिति की बैठक में रखा जा चुका है।

 

मानेसर निवासी रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह साल 2018 से सरकारी जमीन के गबन के मामले में जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन आज तक नहीं हुई। गांव बाबूपुर निवासी सतबीर भारद्वाज ने ग्राम पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट खरीद के मामले में गबन किए जाने समेत पंचायत द्वारा गलत तरीके से प्लॉट अलॉट किए जाने की शिकायत दी है। सेक्टर-15 पार्ट-1 निवासी रमेश वशिष्ठ ने झाडसा बांध पर नगर निगम द्वारा बनाई जा रही दीवार के काम को बीच में छोड़े जाने का मुद्दा मुख्यमंत्री के समक्ष रखा है। खेड़की माजरा निवासी बलराम ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों से वह तीन महीने से पीने का पानी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। ग्वाल पहाड़ी निवासी चंद्रभान ने बताया कि दिसंबर 2020 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनके गांव आए थे। यहां ग्रामीणों ने उनके सामने डेढ़ एकड़ जमीन पर बने गंदे पानी के जोहड की समस्या का समाधान करने व ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने एक भी समस्या का समाधान नहीं किया।

 

जेपी यादव ने बताया कि गांव भांगरोला में एमआर कंपनी ने जमीन खरीदी थी। इस जमीन से उन्होंने ग्रामीणों के आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया। ग्रामीणों ने नगर निगम से रेवेन्यू रास्ता बनाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बसई निवासी शमशेर सिंह ने बताया कि स्कूल की जमीन पर नगर निगम अधिकारियों ने इंडिस्टयल वेस्ट डलवा दिया, जिसके कारण दिक्कत हो रही है। चक्कर पुर निवासी नरेश कुमार ने बताया कि नगर निगम अधिकारी दबंगों के कब्जे से सरकारी जमीन नहीं छुड़ा रहे हैं। दौलताबाद रोड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान पवन कुमार जिंदल ने बताया कि इंडस्ट्री से निकलने वाले पानी के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना था, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है। दिनेश कुमार ने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। शहर को अवैध विज्ञापनों से मुक्त कराने के लिए रविंद्र जैन ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। अमरीश कुमार शर्मा ने बसई एन्क्लेव पार्ट-1 मुख्यमंत्री को बताया कि 25 नवंबर 2018 को बसई चौक पर 10 मकानों को तोड़ा गया था। इन्हें विस्थापित करने के लिए अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। सराय अलावर्दी में सीवर लाइन डालने के दौरान ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल किए जाने की शिकायत नरेश ने मुख्यमंत्री से की है।

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