देश के पहले ट्रैफिक इंजीनियरिंग केंद्र का डीजीपी ने किया उद्धाटन,जाम और सड़क दुर्घटना कम करने में करेगा मदद
समारोह की अध्यक्षता पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने की। इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) ने टीईसी और ओडीसी की स्थापना गुरुग्राम पुलिस के लिए की है। हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) ने सीएसआर फंड के माध्यम से इसमें सहयोग दिया है।
Gurugram News Network – देश के पहले ट्रैफिक इंजीनियरिंग और संगठनात्मक विकास केंद्र का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया। केंद्र में ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) और ऑर्गनाइजेशन डेवलपमेंट सेंटर (ओडीसी) नाम से दो अलग-अलग विभाग होंगे। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उन्सू किम ने ट्रैफिक टावर्स (डीसीपी ट्रैफिक गुरुग्राम कार्यालय, गुरुग्राम) में इस केंद्र का शुभारंभ किया।
समारोह की अध्यक्षता पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने की। इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) ने टीईसी और ओडीसी की स्थापना गुरुग्राम पुलिस के लिए की है। हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) ने सीएसआर फंड के माध्यम से इसमें सहयोग दिया है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह सेंटर गुरुग्राम में यातायात प्रबंधन बेहतर करने में कारगर होंगे। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि आईआरटीई सड़क सुरक्षा के लिए सड़क इंजीनियरिंग और ट्रैफिक इंजीनियरिंग एक अग्रणी संस्था है। इन केंद्रों के सहयोग से गुरुग्राम में सड़क इंजीनियरिंग, ट्रैफिक इंजीनियरिंग व ट्रैफिक मैनेजमेंट में सकारात्मक परिणाम आएंगे।
इस केंद्र की मदद से जाम की सूचना पहले मिलेगी और उसको खुलवाने में मदद करेगा। इससे राहगीरों को कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा केंद्र से ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर में 1100 कैमरों से शहर की सड़कों की निगरानी होगी। इन सड़कों पर लगने वाले जाम के बारे में बारे में इंजीनियरिंग सेंटर में तैयार किए गए सॉफ्टवेयर से यातायात पर नजर रखी जाएगी।
पीक आवर और हादसे होने पर सड़कों पर लगे जाम की रियल टाइम पर अलर्ट से जानकारी मिलेगी। कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी सड़कों पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के जवानों को सूचना दी जाएगी,ताकि जल्द से जल्द जाम के कारणों को दूर कर यातायात को सुचारू रूप से चलाया जाएगा। सॉफ्टवेयर से स्विफ्ट एक्शन व बेहतर रिस्पांस टाइम से लोगों का समय बचेगा और जल्द लोग घर शाम को पहुंच सकेंगे।
सड़क सुरक्षा ऑडिट, यात्रा जोखिम प्रबंधन और राजमार्ग मूल्यांकन कार्यक्रमों के माध्यम से यातायात इंजीनियरिंग और परिवहन योजना पर शोध हो सकेगा। यहां सड़कों पर लगे संकेतकों को दुरुस्त करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस को चालान का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस केंद्र से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद पुलिस अधिकारी वाहन चालकों के व्यवहार का विश्लेषण कर सकेंगे।