Gurugram News Network - यदि आपने भी अपनी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की मियाद खत्म होने के बाद उसे स्क्रैप में बेचा है तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि गाड़ी को स्क्रैप करने की बजाय इसे खरीदने वाला इसका मिसयूज कर रहा हो। ऐसा ही एक मामला बिलासपुर थाना क्षेत्र में सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में अलवर के रहने वाले योगेंद्र सिंह ने कहा कि वह लोकेश लॉजिस्टक कंपनी राठीवास में बतौर मैनेजर तैनात हैं। उनकी कंपनी की दो गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की मियाद खत्म हो गई जिसके कारण उन्हें चलाना प्रतिबंधित है। ऐसे में उन्होंने इन दोनों गाड़ियों को स्क्रैप में बेचने के लिए भिवानी के रहने वाले प्रदीप कुमार से संपर्क किया। उनसे गाड़ियों को स्क्रैप में बेचने की बात कही जिसके बाद प्रदीप अपने साथ सुरेंद्र तौला को लेकर उनके कार्यालय राठीवास आए। यहां पूरी बात करने के बाद दोनों गाड़ियों का सौदा 5 लाख 40 हजार रुपए में तय हुआ।
इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि दोनों गाड़ियों के चेसिस नंबर व इंजन नंबर की प्लेट काटकर उन्हें एक सप्ताह में सौंपी जाए। इस पर दोनों राजी हो गए। आरोप है कि गाड़ियां ले जाने के बाद उन दोनों के फोन बंद हो गए। एक सप्ताह बाद भी जब दोनों ने स्क्रैप की गई गाड़ियों के चेसिस नंबर और इंजन नंबर की प्लेट काटकर उन्हें नहीं सौंपी तो योगेंद्र ने उनसे संपर्क किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इस पर योगेंद्र ने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों द्वारा स्क्रैप के नाम पर उनसे दोनों गाड़ियां खरीदने के बाद गाड़ियों का मिसयूज किया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।