Gurugram News Network - भोंडसी के निजी स्कूल में हुए सात साल के प्रिंस (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट ने आरोपी भोलू (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एक बार फिर भोलू पर व्यस्क की तरह केस न चलाए जाने की अपील की थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए दोबारा सोशल इनवेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार कराने के बाद ही यह फैसला दिया है। ऐसे में भोलू पर व्यस्क की तरह केस चलाया जाना ठीक है। हाई कोर्ट ने साथ ही सेशन कोर्ट को आदेश दिए कि मामले की सुनवाई तेजी से की जाए।
मामले में प्रिंस के पिता बरुण ठाकुर ने कहा कि घटना कि हाई कोर्ट ने फरवरी माह में दायर इस याचिका को दायर करने के तुरंत बाद इस पर ऑर्डर करने के लिए रिजर्व कर दिया था। अब हाई कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं। उन्हें आस जगी है कि अब जल्द ही प्रिंस को न्याय मिल जाएगा।
आपको बता दें कि 8 सितंबर 2017 में निजी स्कूल के छात्र प्रिंस की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं परिजनों की गुहार पर जब मामला सीबीआई के पास पहुंचा तो सीबीआई ने बस कंडक्टर अशोक को क्लीन चिट दे दी और मामले में इसी स्कूल के छात्र भोलू को गिरफ्तार किया था। मामले में प्रिंस के पिता ने आरोपी भोलू पर व्यस्क की तरह केस चलाने की याचिका अदालत में दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान आरोपी की सामाजिक जांच रिपोर्ट भी तैयार की गई थी जिसके आधार पर आरोपी पर व्यस्क की तरह केस चलाने के आदेश जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दिए थे।
इन आदेशों के बाद यह मामला लगातार सेशन कोर्ट से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे बालिग माना था जिसके बाद आरोपी भोलू की तरफ से सेशन कोर्ट में अपील दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज तरुण सिंघल की अदालत ने अपील को खारिज करते हुए उस पर व्यस्क की तरह केस चलाने व आरोपी पर चार्ज फ्रेम करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद अब हाई कोर्ट ने भी आरोपी भोलू को बालिग मानते हुए सेशन कोर्ट को आदेश दिए हैं कि वह मामले की सुनवाई तेजी से करते हुए केस का निपटारा करे।