Wheat MSP: गेहूं किसानों की बल्ले बल्ले!, MSP बढ़ने से इतना होगा फायदा

सरकार ने किसानों के लिए एक दमदार (powerful) घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया कि 1 मार्च से गेहूं की खरीद ₹2,600 प्रति क्विंटल की दर से होगी। अब सोचिए, ₹2,425 प्रति क्विंटल के MSP में सीधा ₹175 का बोनस जोड़कर सरकार ने किसानों की बल्ले-बल्ले कर दी है! लेकिन इसका असर आम जनता पर क्या पड़ेगा? क्या अब गेहूं की रोटी खाना महंगा हो जाएगा? चलिए, पूरे मसले की तह तक पहुंचते हैं।
गेहूं का MSP बढ़ने से किसानों की चांदी
किसानों के लिए तो ये खबर किसी बंपर दिवाली ऑफर (bumper Diwali offer) से कम नहीं है। मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से 81 लाख से ज्यादा गेहूं उत्पादक किसानों को सीधा फायदा होगा। भाई, ₹175 का बोनस कोई मजाक थोड़ी है! इसका मतलब यह है कि अब किसानों को गेहूं की फसल का बेहतर दाम मिलेगा, जिससे उनकी जेब और खुशियां दोनों भरी रहेंगी।
वैसे, यह कदम जरूरी भी था। महंगाई के इस दौर में किसान अगर खेत में पसीना बहाएं और बदले में बढ़िया पैसा न मिले, तो मजा कैसे आएगा? सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए गेहूं के MSP में टॉप-अप (top-up) कर दिया है।
रजिस्ट्रेशन का झंझट समझो एकदम आसान
अब आप सोच रहे होंगे कि किसानों को पैसा कब और कैसे मिलेगा? तो जनाब, 20 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक पंजीकरण (registration) होगा। किसान MP E-Uparjan पोर्टल, MP Kisan App, ग्राम पंचायत, तहसील कार्यालय और सहकारी समितियों में फ्री में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
पंजीकरण के लिए क्या चाहिए? बस ये सामान तैयार
रखिए:
आधार कार्ड
भूमि के कागजात
बैंक अकाउंट डिटेल्स
स्लॉट बुकिंग (slot booking) भी जरूरी है, ताकि हर किसान को समय पर उपार्जन केंद्र (procurement center) पर जगह मिल सके। इस बार 4,000 से ज्यादा उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जहां छाया, पानी और बैठने की सुविधा होगी। भाई, किसान भी VIP ट्रीटमेंट डिजर्व करते हैं!
क्या गेहूं के दाम बढ़ने से रोटी होगी महंगी?
अब सबसे बड़ा सवाल – क्या अब ₹10 में दो रोटी वाला कॉम्बो (combo) मिलना बंद हो जाएगा?
देखिए, गेहूं की खरीदारी के बढ़े हुए दाम का असर बाजार पर पड़ेगा, लेकिन तुरंत नहीं। अगर आप सोच रहे हैं कि अगले महीने से पराठे का भाव (paratha price) स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) पर iPhone के EMI से भी ज्यादा हो जाएगा, तो ऐसा नहीं है।
गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ा है, लेकिन इसका असली असर तब दिखेगा जब खुले बाजार में सप्लाई पर दबाव आएगा।
सरकारी खरीद 80 लाख टन का टारगेट लेकर चल रही है, जो पिछले साल के 100 लाख टन से कम है। इसका मतलब है कि बाजार में गेहूं की अच्छी-खासी सप्लाई बनी रहेगी।
अगर निजी व्यापारी भी खरीदारी में कूद पड़े, तो हो सकता है कि गेहूं का दाम बढ़ जाए और आटा भी महंगा हो जाए। लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ तय नहीं है।
धान किसानों के लिए भी खुशखबरी
धान की खेती करने वाले छोटे और बड़े किसानों के लिए भी सरकार ने बल्ले-बल्ले कर दी है! इस साल सरकार ने प्रति हेक्टेयर ₹2,000 की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। ये रकम सीधा किसानों के बैंक खाते में जाएगी, जिससे उन्हें खेती में मदद मिलेगी।
इसका फायदा क्या होगा?
धान की खेती पर आने वाला खर्च कम होगा।
किसानों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।
वे अच्छी क्वालिटी के बीज और खाद ले सकेंगे।
धान किसानों के लिए सरकार का यह कदम उन्हें "किंग ऑफ राइस" बना सकता है!