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Haryana family ID: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला! जानें पूरी खबर 

 
Haryana family ID: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला! जानें पूरी खबर 

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के मामले में महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अब परिवार पहचान पत्र को "परिवार संकट कार्ड" नहीं माना जाएगा। इसके अलावा, कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई नागरिक पीपीपी के अभाव में बुनियादी सेवाओं से वंचित होता है, तो सरकार तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए।

मुख्य बिंदु:

1. पीपीपी की अनिवार्यता:

हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पीपीपी को कुछ बुनियादी सेवाओं जैसे पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सफाई, पुलिस, और अग्निशमन सेवाओं के लिए अनिवार्य माना जा रहा है।

हालांकि, यह प्रक्रिया स्वैच्छिक है, यानी यह नागरिक की इच्छा पर आधारित है।

2. सरकार के निर्देश:

हरियाणा सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वे पीपीपी के अभाव में किसी भी नागरिक को आवश्यक सेवाओं से वंचित न होने दें।

सरकार को 29 जनवरी तक इस मुद्दे पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है।

3. मामला हाईकोर्ट तक कैसे पहुंचा:

यह मामला सौरभ व अन्य की ओर से दायर याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा आयोजित ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए सीईटी के दौरान पीपीपी डेटा को लेकर समस्याएं उठाईं।

याचिकाकर्ताओं की उम्मीदवारी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उन्होंने गलत बीसी प्रमाणपत्र अपलोड किया था, जबकि आयोग पीपीपी के जरिए इसका सत्यापन कर सकता था।


सरकार का रुख:

सरकार ने अदालत को बताया कि वे उन सभी सेवाओं की पहचान कर रहे हैं जिनके लिए पीपीपी को अनिवार्य बनाया जाएगा।

साथ ही सरकार ने कहा कि संबंधित विभागों से समन्वय कर आवश्यक अस्वीकरण जोड़े जाएंगे।


यह आदेश राज्य के नागरिकों को सुनिश्चित करता है कि अगर उनका परिवार पहचान पत्र नहीं है, तो भी उन्हें जरूरी सेवाओं का लाभ मिलेगा