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Gurugram: हरेरा ने विपुल बिल्डर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया 
 
 
 

बता दे कि सोसाइटी में करीब 500 परिवार रहते हैं। टावर नंबर दो और तीन के पांच परिवारों ने हरेरा में याचिका दायर की थी। इसमें फ्लैट का कब्जा देरी से देने की एवज में ब्याज की अदायगी की मांग की गई थी।  इन टावर को अब तक नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग से कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिला है। हरेरा ने खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया था। विपुल बिल्डर को ब्याज देने के आदेश जारी किए थे। 

 
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Gurugram News Network - हरेरा के निर्णायक अधिकारी राजेंद्र कुमार ने विपुल लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उन्हें गिरफ्तार करके हरेरा के समक्ष पेश करने के आदेश जारी हुए हैं।  आदेश सेक्टर-81 स्थित विपुल लावण्या सोसाइटी के टावर नंबर दो और तीन के पांच परिवारों की तरफ से दायर याचिका को लेकर दिया है। हरेरा में मामले की अगली सुनवाई पांच जून निर्धारित है।


बता दे कि सोसाइटी में करीब 500 परिवार रहते हैं। टावर नंबर दो और तीन के पांच परिवारों ने हरेरा में याचिका दायर की थी। इसमें फ्लैट का कब्जा देरी से देने की एवज में ब्याज की अदायगी की मांग की गई थी।  इन टावर को अब तक नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग से कब्जा प्रमाण पत्र नहीं मिला है। हरेरा ने खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया था। विपुल बिल्डर को ब्याज देने के आदेश जारी किए थे। 

इस आदेश के उल्लंघन पर याचिकाकर्ताओं ने दोबारा हरेरा में याचिका दायर कर दी। हरेरा ने इस याचिका पर विपुल लिमिटेड को नोटिस देकर संपत्तियों का खुलासा करने और अपनी वित्तीय स्थिति का विवरण देने का हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था। बिल्डर ने इस आदेश की पालना भी नहीं की। इसको लेकर हरेरा के निर्णायक अधिकारी ने गिरफ्तारी वारंट 13 फरवरी को जारी कर दिया। हरेरा की वेबसाइट पर गुरुवार को यह आदेश अपलोड हुआ है।

याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश का स्वागत किया है। उन्हें उम्मीद है कि इस कानूनी कार्रवाई से लंबित काम में तेजी आएगी। कंपनी को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए मजबूर करेगी। उनका मानना है कि कानूनी दबाव से बातचीत हो सकती है। लावण्या अपार्टमेंट में कब्जे और परियोजना के पूरा होने से संबंधित लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों का समाधान हो सकता है।