Gurugram News Network- फोर्टिस अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती मरीज की मौत मामले में रविवार देर शाम अस्पताल प्रबंधन ने अपना बयान जारी कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, नवीन कुमार अल्कोहलिक लीवर सिरोसिस से ग्रस्त थे। उन्हें एक्यूट लीवर फेलियर की शिकायत थी। पिछले महीने 03 फरवरी, 2023 को उनका लीवर ट्रांसप्लांट किया गया था। ट्रांसप्लांट के बाद उन्हें एक्यूट लीवर रिजेक्शन की शिकायत हो गई। यानि उनके शरीर ने प्रत्यारोपित लीवर को स्वीकार नहीं किया, जिसका प्रबंधन दवाओं से करने के बाद उन्हें स्थिर होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके बाद उन्हें दोबारा दो बार अस्पताल में भर्ती किया गया और दोनों बार अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
नवीन को 8 मार्च को फिर अस्पताल में भर्ती किया गया और इस बार उन्हें आंतों में ब्लीडिंग (इंटेस्टाइनल ब्लीडिंग) की शिकायत थी। ब्लीडिंग रोकने के लिए उन्हें तत्काल आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मरीज का निर्धारित मेडिकल प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज किया जा रहा था, लेकिन उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों द्वारा हर संभव प्रयास किए जाने के बावजूद मरीज को बचाया नहीं जा सका। इस बीच, उनके परिजनों को उनके इलाज और रोग के बारे में समय-समय पर पूरी जानकारी दी गई। मरीज को 12 मार्च की रात को 12 बजकर 01 मिनट पर मृत घोषित किया गया था। हम उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। आपको बता दें कि मानेसर के रहने वाले नवीन की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर रविवार दोपहर को हंगामा किया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के लिए निर्धारित 19 लाख रुपए के पैकेज के बावजूद भी उनसे लाखों रुपए अतिरिक्त चार्ज लिया और डेडबॉडी देने के लिए सात लाख रुपए और मांगे थे। परिजनों के हंगामा किए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त राशि वापस लौटाने के साथ ही मांगे जा रहे रुपए छोड़ने की बात कही जिसके बाद परिजन शांत हुए।