Movie prime

तीन राज्यों की पुलिस का मोस्टवाटेंड गैंगस्टर को डिपोर्ट कर भारत लाया गया, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

 
तीन राज्यों की पुलिस का मोस्टवाटेंड गैंगस्टर को डिपोर्ट कर भारत लाया गया, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
Gurugram News Network-हरियाणा,राजस्थान और दिल्ली पुलिस का मोस्टवाटेंड गैंगस्टर राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) हरियाणा की टीम ने शुक्रवार देर रात को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। काला बीते काफी महीनों से थाईलैंड में बैठकर अपने गैंग को चला रहा था। काला खैरमपुरिया पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 15 से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज हैं। बता दे कि खैरमपुरिया भाऊ गैंग के गुर्गों के जरिए हिसार में महेंद्रा शोरूम के मालिक एवं इनेलो नेता से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इसके अलावा कई व्यापारियों से दो-दो करोड़ रंगदारी मांगने का आरोप है। एसटीएफ के डीआईजी सिमरदीप सिंह ने बताया कि काला खैरमपुरिया पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 15 से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज हैं। उस पर दो लाख रुपये का इनाम है। काला खैरमपुरिया 2020 में पैरोल पर छूटने के बाद से कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बच रहा था। उसने शुरुआत में भारत के भीतर से और संयुक्त अरब अमीरात, आर्मेनिया जैसे देशों से विदेश भागने के बाद थाईलैंड से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना जारी रखा। स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारियों ने तुरंत गृह मंत्रालय के साथ समन्वय किया और काला के खिलाफ संबंधित इंटरपोल संदर्भ और नोटिस भी जारी कराए। गृह मंत्रालय ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और भारत और विदेश दोनों में विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय किया। गृह मंत्रालय ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया। भारत और इंटरपोल पुलिस में विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय किया। इस बीच एसटीएफ की टीमों ने उसका पासपोर्ट भी रद्द करा लिया, जो उसने फर्जी तरीके से हासिल किया था। एसटीएफ के अनुसार राकेश का आपराधिक रिकॉर्ड 2014 में शुरू हुआ। उस पर डकैती, डकैती, हत्या और आग्नेयास्त्रों के अवैध कब्जे मामलों में दोषी ठहराया गया। वहीं 2018 में पुलिस स्टेशन भादरा में की गई एक हत्या मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 2020 तक सजा काटने के बाद, उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया गया और उन्होंने कभी वापस रिपोर्ट नहीं की। वह गिरफ्तारी से बचता रहा और हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में क्राइम की वारदातों को अंजाम देता रहा। साल 2021 में उसने दूसरी हत्या फतेहाबाद में की। जिसमें उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी और उसे 2023 में भगौड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद फर्जी पासपोर्ट के आधार पर वह जनवरी 2023 में वह विदेश भाग गया और वहीं से सिंडिकेट चलाने लगा। उसके सिंडिकेट में हिमांशु भाऊ गैंग और नीरज फरीदपुरिया गैंग शामिल थी। जो हत्या, जबरन वसूली सहित हाई-प्रोफाइल क्राइम की वारदातों को अंजाम देते हैं।