क्राइम ब्रांच पर पैसा कमाने के लिए झूठे केस में फंसाने का आरोप, केस दर्ज
Gurugram News Network – क्राइम ब्रांच पर पैसा कमाने के लिए झूठे केस में फंसाने का आरोप एक व्यक्ति ने लगाया है। आरोप है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे रुपयों की मांग की थी। रुपए न देने पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए युवकों पर झूठा केस दर्ज़ कर गिरफ्तार कर लिया गया। मामला हरियाणा पुलिस महानिदेशक के पास पहुंचा। प्रारंभिक जांच के दौरान शिकायत को सही पाया, जिसके बाद सदर थाना पुलिस ने यह केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से राजस्थान निवासी रिंकू मीना ने बताया कि 25 अक्टूबर को वह व उसके गांव का निवासी किशन अपने दोस्त हंसराज उर्फ हंसू के घर इंद्रा कॉलोनी गुरुग्राम गए थे। रात करीब 12 बजे क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर आई और उन्हें लेकर सेक्टर-39 सीआईए थाने में ले गई। उनके साथ ही तीन अन्य लोगों को भी सीआईए ने हिरासत में लिया और थाने ले जाकर लॉकअप में बंद कर दिया। आरोप है कि अगले दिन उन्हें मार्बल मार्केट गुरुग्राम ले जाया गया जहां पुलिस ने देसी कट्टे से फायरिंग की और मौके से खोल उठा लिए। उन्हें लेकर पुलिस वापस थाने आ गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस के इस नजारे को खुद देखा और वापस थाने आने के बाद पुलिस ने उन पर केस दर्ज कर दिया। क्राइम ब्रांच ने कहानी बनाई कि उन्हें मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया है जबकि उन कट्टों से फायरिंग करना पुलिस ने दिखाया है उन पर उन पुलिसकर्मियों की उंगली के निशान है जिन्होंने उनके सामने हवाई फायरिंग किए थे। आरोप है कि क्राइम ब्रांच ने उनके परिवार वालों से बात कर रुपए मंगाए। आरोप है कि मामले में फंसाए गए एक आरोपी ने पुलिस को 70 हजार जबकि दूसरे ने 40 हजार रुपए दिए जिसके बाद उन्हें छोड दिया गया। जबकि पुलिसकर्मियों ने उनसे 80 हजार रुपए मांगे थे जो उन्होंने नहीं दिए।
रिंकू मीणा ने शिकायत में बताया कि जिस गाडी को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान बरामद करना बताया है उस गाडी को तीन-चार दिन पहले ही थाने में ले जाया गया था। इस गाड़ी में GPS भी लगा हुआ है जिसकी लाॅकेशन ट्रेस करने के साथ ही CIA सेक्टर-39 में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने पर भी सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि थाने में खड़ी की गई उनकी गाड़ी के पुलिसकर्मियों ने टायर तक बदल दिए। पुलिस द्वारा बनाए गए झूठे मामले में जब वह जमानत पर जेल से बाहर आए तो उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक से शिकायत दी। इस पर उन्होंने मामले को जांच के लिए गुरुग्राम में भेज दिया। DCP की प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई जिसके बाद सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की आगामी जांच शुरू कर दी है।