झूठा केस बनाने वाले 4 पुलिसकर्मी दोषी करार, 9 मार्च को होगी सजा
Gurugram News Network- साइबर कैफे संचालक व उनके कर्मचारियों को अवैध रूप से हिरासत में रखने तथा झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर पैसा मांगने और मारपीट करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने चार पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने सभी को शुक्रवार को सजा सुनानी थी, लेकिन किन्ही कारणों से सजा नहीं सुनाई जा सकी। अदालत अब इस मामले में 9 मार्च को सजा पर फैसला सुनाएगी।
गौरतलब है कि वर्ष 3 सितम्बर 2009 को राजीव नगर स्थित हंसराज राठी के साइबर कैफे में क्राइम ब्रांच 46 की टीम ने फर्जी वोटर व आई कार्ड बनाए जाने के आरोप लगाते हुए छापामार कार्रवाई की थी। इस छापामार टीम में तत्कालीन ASI रामदयाल, कांस्टेबल सुनील, राजेश व विनोद शामिल थे। बताया जाता है कि हंसराज व उनके दोनों कर्मचारियों राजेंद्र व नरेंद्र को क्राइम ब्रांच पूछताछ के लिए ले गई थी और उनसे एक लाख रुपए की मांग की गई थी। एक लाख रुपए न देने पर क्राईम ब्रांच ने इस कार्रवाई को 5 सितम्बर की दिखाते हुए तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भिजवा दिया था।
कुछ समय बाद तीनों को जमानत मिल गई थी। जब पीड़ित हंसराज अपने कैफे में पहुंचा तो कैफे सील था और अदालत में याचिका डालकर कैफे को खुलवाया गया। जब उन्होंने कैफे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो उसमें 3 सितम्बर में जो घटनाक्रम घटा था, उसकी फुटेज मौजूद थी। पीड़ित ने प्रदेश के खूफिया विभाग को इसकी शिकायत की कि उनके यहां छापा 3 सितम्बर को मारा गया था, न कि 5 सितम्बर को। विभाग ने जांच कराई तो जांच सही पाई गई और जांच टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई। उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया था। हालांकि तत्कालीन ASI रामदयाल अब सेवानिवृत हो चुका है। अदालत में अभियोजन पक्ष ने जो सबूत व गवाह पेश किए , उनसे आरोपियों पर आरोप सिद्ध हो गए, जिसके बाद अदालत ने चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया।